नवीन की राजनीति में शोर नही है इसलिए चर्चा नही होती
रणघोष खास. संजय डाटा की कलम से
राजनीति में कुछ चेहरे ऐसे होते हैं जो आमतौर पर मीडिया की सुर्खियों से दूर रहते हैं। जिन्हें दिखने दिखाने की राजनीति और मीडिया में छपने का छपास रोग नही होता। वे एक मकसद से राजनीति में आते हैं और बिना शोर मचाए समाज में उस वर्ग के लिए हमेशा खड़े नजर आते हैं जिन्हें जरूरतमंद कहा जाता है। हम बात कर रहे हैं रेवाड़ी शहर के माडल टाउन निवासी नवीन अरोडा की। उनकी चर्चा इसलिए शोर मचा रही है की भाजपा हाईकमान ने उन्हें रेवाड़ी विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार बनाने की प्रक्रिया में शामिल किया हुआ है। नवीन 2014 के चुनाव में भी पैनल में आ चुके थे लेकिन जातीय समीकरण और अनेक वजहों से चुनावी मैदान में नही उतर सके। नवीन के घर राजनीति और धर्म के क्षेत्र से जुड़ी दो बड़ी शख्सियत अपनी मौजूदगी का अहसास करा चुकी है। पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद मनोहरलाल खटटटर ने रेवाड़ी में सुबह का नाश्ता नवीन के घर किया तो गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज का प्रवास हमेशा इस युवा नेता के घर पर रहा। नवीन स्वामी जी के बनाए अंतर्राष्ट्रीय संगठन में जियो गीता के जिला अध्यक्ष भी है। यह शख्स कई सालों से शहर की अनेक नामी सामाजिक और धार्मिक संगठनों से जुड़कर समाजसेवा में पूरी तरह से सक्रिय है। कोरोना में अपनी जान की परवाह किए बिना हजारों जरूरतमंद लोगों को भोजन मुहैया करवाया, कोरोना पीड़ितों को दवाई उपलब्ध कराने से लेकर आर्थिक मदद करने में कोई देरी नही की। मीडिया की सुर्खियों से खुद को बचाते रहे। इन तमाम खुबियों की वजह से भाजपा हाईकमान के पास उनका रिपोर्ट कार्ड बेहद मजबूत रहा है। पिछले कुछ दिनों से शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें चुनाव में पूरी तरह से सक्रिय रहने और जनसंपर्क बढ़ाने के दिशा निर्देश दिए हैं। नवीन ने भी अपने साथियों से विचार विमर्श कर सक्रियता तेज कर दी है। इस युवा का मजबूत पक्ष यह है की वे किसी धड़े से संबंध नही रखते। सभी से मधुर संबंध है। अपने प्रोफाइल को बेहद साधारण रखते हैं इसलिए हर वर्ग का व्यक्ति उनसे मिलने में सहज महसूस करता है। इन तमाम खुबियों की वजह से नवीन भाजपा के रणनीतिकारों के दिशा निर्देश पर रेवाड़ी सीट पर लड़ने के लिए तैयार है।