रणघोष खास. आईजीयू से ग्राउंड रिपोर्ट
हरियाणा में सरकारी इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी मीरपुर, रेवाड़ी में होनहार विद्यार्थियों के भविष्य से किस कदर खेल खेला जाता है। इसके तमाम सबूत इस विवि के कोने कोने मे बिखरे हुए हैं। हम आपको जो एक बड़ा मामला बताने जा रहे हैं वह बेहद ही शर्मसार और हैरान करने वाला है। जिसकी पूरी जानकारी विवि में चपरासी से लेकर वाइस चांसलर तक के पास है लेकिन मजाल किसी ने इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हो। ऐसा लग रहा है की पूरी दाल ही काली है। हमारा दावा इसलिए मजबूत है की इसके तमाम सबूत विद्यार्थियों की डीएमसी में नजर आने वाले आंतरिक मूल्याकंन के नंबरों के रूप में देख सकते हैं जहां कुछ शिक्षकों, कर्मचारी एवं अंदर- बाहर के लोगों ने इसे कमाई का धंधा बना रखा है। इसलिए विद्यार्थियों को 20 मे से 20 नंबर दे दिए गए तो होनहार को जीरो के लायक समझा। इतना ही नही अगस्त 2020 में तत्कालीन वीसी प्रोफेसर एसके गक्खड़ को इस पूरे मामले का पता चला तो उन्होंने 20 नंबर वाली इस व्यवस्था को ही खत्म कर पूरे 100 नंबर के प्रश्न पत्र जारी करने का नोटिफिकेशन जारी इसे लागू कर दिया था। उस समय अनेक मामले सामने आए जब 20 नंबरों को सब्जी मंडी की तरह सजाकर भाव मोल करके बेचा गया। कमाल देखिए कुछ महीने बाद इसी वीसी के कार्यकाल पूरा होने बाद होती रही परीक्षाओं का प्रश्न पत्र 100 की बजाय 80 नंबर का आता रहा। एलएलबी संकाय में यह खेल पूरी तरह से खेला गया। इसकी 27 जुलाई 2023, 17 अगस्त 2023 में छात्र रामौतार एकल्वय ने लिखित शिकायत भी दर्ज कराईं। जिसमें साफतौर से लिखा गया की एलएलबी के प्रश्न पत्र को बदलाओं के आधार पर नए प्रिंट कराने के पुराने ही अदल बदल कर परीक्षा में जारी कि जा रहे हैं। विवि की साइट पर 100 नंबर का सिलेबस दिखाया जा रहा है जबकि परीक्षा में 80 नंबर का प्रश्न दिया जा रहा है। जिसके चलते आंतरिक मूल्याकंन के नाम पर खेल जारी रहा। 2023-24 में एलएलबी के सेकेंड सेमेस्टर में संविधान के पेपर में चार बच्चों को 20 में से 20 नंबर दे दिए गए जो किसी भी आधार पर संभव नही है। पता चलते ही होनहार विद्यार्थियों ने शोर मचा दिया और लिखित में शिकायत भी दर्ज कराईं लेकिन बजाय कार्रवाई होने के नोटिस बोर्ड पर दर्शाई नंबरों की सूची को ही गायब कर दिया गया। यह इतना जबरदस्त घालमेल है की कड़ी मेहनत से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी जारी रजल्ट में होने वाले नंबरों के खेल को देखकर डिप्रेशन में जा रहे हैं।उनके आगे पीछे खुलेआम नकल करने वाले टॉपर बन जाते हैं।
2023 में वीसी ने 20 नंबर की प्रणाली को पुन: लागू किया
कहने को अगस्त 2020 में तत्कालीन वीसी ने शिक्षकों द्वारा दिए जाने वाले 20 नंबर के आंतरिक मूल्याकंन को बंद कर दिया था लेकिन उनके चले जाने के बाद उस पर अमल नही हुआ। 2023 में वीसी प्रो. जेपी यादव ने पुरानी व्यवस्था को पुन: बहाल करते हुए 80 नंबर का प्रश्न पत्र एवं 20 नंबर का आंतरिक मूल्याकंन को पुन: लागू कर दिया। जिस पर भी अंदर खाने काफी शोर मच रहा है।
20 नंबरों का खेल कमाई का जरिया, अनुबंध वाले ज्यादा शामिल
आमतौर पर आंतरिक मूल्याकंन के नाम पर दिए जाने वाले 20 नंबर लगाने की पॉवर संबंधित विषय के शिक्षकों के पास होती है। जिसके चलते वह विद्यार्थियों को अपने हिसाब से चलाता है। यह तरह से उन शिक्षकों के लिए खेल होता है जिसका बच्चों के बेहतर भविष्य से कोई लेना देना नही होता है। इसमें अनुबंध पर लगे शिक्षकों की भूमिका सबसे ज्यादा है। निष्पक्ष जांच में यह शिक्षा के नाम पर सबसे बड़ा कंलक है।