“बिरयानी से डर गए रिपब्लिकन!” – हाथ से खाने पर ममदानी पर हमला, ट्रंप समर्थकों की नस्लीय टिप्पणियों से मचा बवाल

न्यूयॉर्क में डेमोक्रेटिक मेयर पद के उम्मीदवार जोहरान ममदानी इन दिनों एक वीडियो के चलते अमेरिका की राजनीति के केंद्र में हैं — और वजह है हाथ से बिरयानी खाना। एक वायरल वीडियो में ममदानी को भारतीय पारंपरिक तरीके से हाथ से चावल खाते देखा गया, जिससे रिपब्लिकन पार्टी के सांसद ब्रैंडन गिल भड़क उठे और उन्होंने उन्हें ‘तीसरी दुनिया’ का कहकर नस्लीय हमला बोल दिया।

गिल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा —

“अमेरिका में सभ्य लोग इस तरह खाना नहीं खाते। अगर आप पश्चिमी तौर-तरीके नहीं अपना सकते, तो अपनी तीसरी दुनिया में वापस चले जाइए।”

🧨 सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा

गिल की इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर भारी विरोध शुरू हो गया। कई यूज़र्स ने उनके पाखंड की ओर इशारा करते हुए बताया कि गिल की पत्नी डैनिएल डी’सूजा भारतीय मूल की हैं और उनके पिता दिनेश डी’सूजा स्वयं भारतीय संस्कृति के परिचायक हैं।

एक यूजर ने ब्रैंडन गिल की पत्नी और ससुर की ऐसी पुरानी तस्वीरें पोस्ट कीं, जिनमें वे भी हाथ से खाना खा रहे थे। एक यूज़र ने तीखा कटाक्ष किया —

“आप टाकोस, फ्रेंच फ्राइज, बर्गर और पिज्जा कैसे खाते हैं? क्या Lays भी चम्मच से खाते हैं?”

एक अन्य ने लिखा —

“ये आपके ससुर दिनेश डी’सूजा हैं… हाथ से खाते हुए, नमस्कार अमेरिका के सभ्य व्यक्ति!”


🧍‍♀️ पत्नी ने दी सफाई, विवाद और भड़का

डैनिएल डी’सूजा गिल ने अपने पति का समर्थन करते हुए लिखा:

“मैंने कभी हाथ से चावल नहीं खाया। मैं अमेरिका में पैदा हुई हूं और फोर्क से खाना खाती हूं। मैं एक ईसाई MAGA देशभक्त हूं।”

उनकी यह टिप्पणी भी सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार बनी, और यूज़र्स ने इसे आत्मविरोधाभासी और विभाजनकारी बताया।


🧕 कौन हैं जोहरान ममदानी?

जोहरान ममदानी, भारतीय-अमेरिकी नेता और मशहूर फिल्मकार मीरा नायर के बेटे हैं। 33 वर्षीय ममदानी ने हाल ही में डेमोक्रेटिक प्राइमरी में पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्यूमो को हराया और न्यूयॉर्क शहर के पहले मुस्लिम मेयर उम्मीदवार बन गए। उनका जन्म युगांडा के कंपाला में हुआ था और वे 7 साल की उम्र में अमेरिका आ गए थे। उन्होंने 2018 में अमेरिकी नागरिकता प्राप्त की थी।

वह डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट माने जाते हैं और आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) को फासीवादी संस्था बताते हुए शहर से हटाने की मांग कर चुके हैं।


🔥 रिपब्लिकन हमले और तीखी टिप्पणियाँ

ममदानी के खिलाफ ट्रंप समर्थक और दक्षिणपंथी कार्यकर्ता लौरा लूमर ने एक नस्लभेदी ट्वीट किया:

“वह इस्लामिक और कम्युनिस्ट है, और इतना ही काफी है उसे रोके जाने के लिए। वो अफ्रीका से है, और उसका खाना खाने का ढंग वही दिखाता है। मेरे कुत्ते उससे ज्यादा साफ खाते हैं।”

उन्होंने आगे लिखा:

“वह दाहिने हाथ से खाना खाता है और उंगलियां चाटता है। और हम जानते हैं, तीसरी दुनिया के लोग बाएं हाथ से क्या करते हैं। किसी भी हाथ से हाथ मिलाने की जरूरत नहीं!”

लूमर ने ममदानी के मीरा नायर के 2 मिलियन डॉलर वाले चेल्सी अपार्टमेंट में रहने को लेकर भी तंज कसा।


🌐 हाथ से खाना: एक सांस्कृतिक परंपरा पर हमला?

दक्षिण एशिया में हाथ से खाना सदियों पुरानी संस्कृति और परंपरा है। यह साफ-सफाई या आदत से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक जुड़ाव और आत्मीयता से जुड़ा होता है। लेकिन अमेरिका में इस पर नस्लीय टिप्पणियां होना, संवेदनशीलता की कमी और सांस्कृतिक असहिष्णुता को उजागर करता है।


💬 ममदानी का पुराना बयान वायरल

2023 में दिए गए एक इंटरव्यू में ममदानी ने कहा था:

“अगर आप तीसरी दुनिया में पले-बढ़े हैं, तो फिलिस्तीनी संघर्ष को लेकर आपकी समझ सहानुभूति और एकजुटता पर आधारित होती है।”

इस बयान के साथ वायरल वीडियो में वह हाथ से चावल खाते नजर आते हैं, जिसे अब राजनीतिक हथियार बना लिया गया है।


🧭 विश्लेषण
यह पूरा विवाद न केवल नस्लीय राजनीति को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अमेरिका में प्रवासी नेताओं को किस प्रकार के सांस्कृतिक और सामाजिक पूर्वाग्रहों का सामना करना पड़ता है। ममदानी जैसे नेता जो प्रवासी समुदायों की आवाज़ बन रहे हैं, उनके खिलाफ इस तरह की बयानबाज़ी, गंभीर चिंता का विषय है।