RSS का नाम, लेटरहेड पर PM मोदी की फोटो; छांगुर बाबा ने कैसे किया गुमराह

उत्तर प्रदेश एटीएस और एसटीएफ ने एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश किया, जिसके मुख्य साजिशकर्ता के रूप में छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन की पहचान उजागर हुई। जांच एजेंसियां लगातार पूछताछ कर रही है और इस फर्जी बाबा के बारे में खुलासे कर रही है। जांच एजेंसियों के अनुसार, छांगुर बाबा ने खुद को RSS से संबद्ध संस्था का वरिष्ठ पदाधिकारी बताकर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को बरगलाया। इतना ही नहीं उसने अपने लेटरहेड पर पीएम मोदी की तस्वीर का भी इस्तेमाल किया।

छांगुर बाबा ने खुद को “भारत प्रतिकार्थ सेवा संघ” नामक संस्था का अवध प्रांत महासचिव बताया। यह संस्था ईदुल इस्लाम नामक एक दूसरे आरोपी द्वारा चलाई जा रही थी। इतना ही नहीं, इस्लाम ने नागपुर में भी एक फर्जी सेंटर खोलकर संस्था को वैध दिखाने की कोशिश की। आपको बता दें कि नागपुर में ही आरएसएस का हेडक्वार्टर है।

अधिकारियों से मिलने के दौरान छांगुर बाबा और इस्लाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो वाले लेटरहेड का इस्तेमाल करते थे। साथ ही दोनों RSS के वरिष्ठ पदाधिकारियों का नाम लेकर खुद को प्रभावशाली और मान्यता प्राप्त संगठन का हिस्सा बताते थे।

मुस्लिम देशों से फंडिंग
ATS की FIR के अनुसार, छांगुर बाबा ने विदेशी फंडिंग के जरिए आतंकी प्रशिक्षण केंद्र बनाने की योजना बनाई थी। उसे पाकिस्तान सहित कई मुस्लिम देशों से 500 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग मिली होने का संदेह है। जांच में सामने आया है कि 22 बैंक खातों के जरिए 60 करोड़ रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग किया गया।

ईडी ने किए कई खुलासे
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में यूपी और महाराष्ट्र में छांगुर बाबा के पास 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां हैं, जिनमें अधिकतर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर बनाई गई हैं। मुंबई में ‘रनवाल ग्रीन्स’ नाम की एक बहुमूल्य संपत्ति संदिग्ध सौदे के जरिए खरीदी गई। छांगुर बाबा का एक कनेक्शन पनामा स्थित कंपनी ‘Logos Marine’ से भी मिला है, जिससे अंतरराष्ट्रीय फंडिंग की पुष्टि होती है।

फिलहाल छांगुर बाबा हिरासत में है और उसकी भूमिका की जांच एटीएस, एसटीएफ और ईडी द्वारा संयुक्त रूप से की जा रही है। मामले में धार्मिक भावना को आहत करने, आतंकी गतिविधियों की साजिश, धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराधों की धाराएं लगाई गई हैं।