दुनिया के कई देश घटती जनसंख्या और बूढ़ी होती आबादी की समस्या से जूझ रहे हैं। चीन, जापान और कोरिया जैसे कई देश युवाओं की संख्या बढ़ाने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। इन देशों की सरकारें युवा जोड़ों को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं और इसके लिए आर्थिक सहायता भी दे रही हैं। इसी कड़ी में रूस ने भी एक ऐसा फैसला लिया है, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है। रूस के ओर्योल प्रांत में स्कूली उम्र की लड़कियों को बच्चे पैदा करने पर इनाम देने की घोषणा की गई है।
छात्राओं को मिलेगा आर्थिक लाभ
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना के तहत स्कूली छात्राओं को 1,00,000 रूबल (लगभग 1 लाख रुपये) की एकमुश्त राशि दी जाएगी। ओर्योल के क्षेत्रीय गवर्नर आंद्रेई क्लिचकोव ने इस नीति की जानकारी दी। यह योजना पहले से मौजूद एक योजना का विस्तार है, जिसके तहत विश्वविद्यालय की छात्राओं को मां बनने पर वित्तीय सहायता दी जाती थी। अब नए नियमों के तहत स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में पूर्णकालिक शिक्षा प्राप्त करने वाली छात्राएं भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगी।
फैसले की आलोचना और बचाव
इस योजना को लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया है। आलोचकों का कहना है कि यह नीति कम उम्र में गर्भधारण को बढ़ावा दे सकती है, जिससे लड़कियों का भविष्य प्रभावित होगा। हालांकि, गवर्नर क्लिचकोव ने इन आलोचनाओं को खारिज कर दिया और मीडिया पर उनकी घोषणा को सनसनीखेज बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “ऐसी स्थिति में युवा लड़कियां अक्सर विवादास्पद निर्णय लेती हैं। हमारा काम उनका समर्थन करना और बच्चे के जीवन और मां के स्वास्थ्य को बचाने में मदद करना है।” उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस पहल को सनसनीखेज हेडलाइन के बजाय एक सामाजिक समर्थन के रूप में देखें।
जनसांख्यिकीय संकट से जूझ रहा रूस
रूस ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब देश बीते साल से यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझा हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस युद्ध में अब तक लगभग 2,50,000 रूसी सैनिकों की जान जा चुकी है। विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, रूस इस समय जनसांख्यिकीय संकट से गुजर रहा है। यहां प्रति महिला जन्म दर केवल 1.42 है, जबकि मृत्यु दर में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने कई बार बड़े परिवारों को प्रोत्साहित करने की बात कही है और रूसी महिलाओं से कम से कम तीन बच्चे पैदा करने की अपील की है।
नए नियमों के प्रभाव
यह नीति रूस में जनसंख्या वृद्धि की दिशा में उठाया गया एक कदम है, लेकिन इसका सामाजिक और नैतिक प्रभाव व्यापक हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इस योजना को लेकर जनता और सरकार के बीच क्या प्रतिक्रिया देखने को मिलती है।