नई दिल्ली, 4 सितंबर (पीटीआई)।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के खिलाफ एक नई कानूनी याचिका दायर की गई है, जिसमें उनके मतदाता सूची में नाम दर्ज होने को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल इस याचिका में आरोप है कि सोनिया गांधी का नाम भारत की नागरिकता मिलने से पहले ही वोटर लिस्ट में शामिल कर लिया गया था। याचिका में अदालत से आग्रह किया गया है कि इस पूरे मामले की पुलिस द्वारा गहन जांच कराई जाए।
याचिकाकर्ता का कहना है कि सोनिया गांधी का नाम वर्ष 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में मौजूद था, जबकि उन्होंने भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को प्राप्त की थी। शिकायतकर्ता विकास त्रिपाठी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पवन नारंग ने अदालत में कहा कि आधिकारिक दस्तावेज इस तथ्य की पुष्टि करते हैं कि 1983 से पहले सोनिया गांधी भारतीय नागरिक नहीं थीं। इसके बावजूद उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज किया गया और बाद में 1982 में हटा दिया गया। नागरिकता प्राप्त करने के बाद 1983 में उनका नाम दोबारा जोड़ा गया।
अधिवक्ता नारंग ने तर्क दिया कि यह स्पष्ट नहीं है कि मतदाता सूची से नाम हटाए जाने का आधार क्या था। सामान्यत: ऐसा तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण कर ले या फिर फॉर्म 8 (विवरण सुधार का आवेदन) जमा करे। लेकिन इन दोनों ही स्थितियों में आवश्यक शर्त यह होती है कि संबंधित व्यक्ति भारत का नागरिक हो। इस संदर्भ में उन्होंने सवाल उठाया कि 1980 में नाम दर्ज कराते समय चुनाव आयोग के समक्ष कौन से दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे।
नारंग ने दावा किया कि इस पूरी प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ी और संभवतः जालसाजी हुई है, जिससे एक सार्वजनिक प्राधिकरण को गुमराह किया गया। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि पुलिस को इस मामले में उचित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए जाएं। हालांकि किन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज होगी, यह निर्णय पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अदालत चाहे तो पुलिस को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश भी दे सकती है।
यह याचिका अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया की अदालत में दायर की गई है, जिसमें धारा 175 (4) के तहत जांच का आदेश देने की मजिस्ट्रेट की शक्ति का उल्लेख किया गया है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई 10 सितंबर तक स्थगित कर दी है।