बैंकॉक। थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने सोमवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनवात्रा को उनके पद से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया। यह फैसला कंबोडिया के पूर्व नेता के साथ फोन कॉल लीक मामले में हुआ है, जो वर्तमान में जांच के अधीन है। अदालत ने 7-2 के मतों से यह निर्णय लिया।
🔍 क्या है मामला?
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 28 मई 2025 को सीमा पर सशस्त्र टकराव हुआ था, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई। इसी विवाद के बीच एक ऑडियो कॉल लीक हुआ जिसमें प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न, कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन से बात करती सुनाई दीं। बातचीत में वे सेन को ‘अंकल’ कह रही थीं और थाई सैन्य अधिकारियों को लेकर आश्वासन दे रही थीं।
फोन कॉल में वे कहती हैं –
“अगर अंकल सेन कुछ चाहते हैं, तो मैं सुनिश्चित करूंगी कि उसका ध्यान रखा जाए।”
यह बातचीत सामने आने के बाद से थाईलैंड में राजनीतिक तूफान आ गया। आरोप है कि उन्होंने थाई संप्रभुता से समझौता किया है और सीमा विवाद के मसले पर निजी हितों के लिए कूटनीतिक हस्तक्षेप किया।
🚨 संवैधानिक अदालत का फैसला
अदालत ने इस कॉल को “नैतिकता के उल्लंघन” की श्रेणी में माना और कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, पेटोंगटार्न को पद पर बने रहना उचित नहीं होगा। अदालत का कहना है कि:
“प्रधानमंत्री द्वारा सीमावर्ती संवेदनशील मामलों में विदेश नेताओं से अनौपचारिक बातचीत, राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक विश्वास के लिए खतरा है।”
🔥 बढ़ता विरोध
थाई राजधानी बैंकॉक में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करने लगे। सूरत थानी से आए गाइड तचाकोर्न श्रीसुवान ने कहा:
“हम कभी भी इतने कमजोर प्रधानमंत्री के अधीन नहीं रहे। हम थाई संप्रभुता की रक्षा चाहते हैं।”
🧭 पेटोंगटार्न का बचाव
शिनवात्रा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा –
“इस फोन कॉल से मुझे कोई निजी लाभ नहीं हुआ और न ही देश को कोई नुकसान पहुंचा है। यह सिर्फ एक शिष्टाचार था।”
उन्होंने इस कॉल को राजनीतिक साजिश बताते हुए खुद को निर्दोष बताया है।
📜 विवाद का ऐतिहासिक संदर्भ
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद नया नहीं है। प्रेह विहेयर मंदिर क्षेत्र, प्राकृतिक संसाधनों और सीमा निर्धारण को लेकर दशकों से दोनों देशों में तनाव रहा है। परंतु इस बार मामला एक राजनीतिक लीक और सांविधानिक मुद्दे के रूप में उभरकर सामने आया है।
🏛️ राजनीतिक भविष्य पर सवाल
पेटोंगटार्न शिनवात्रा, पूर्व प्रधानमंत्री थाक्सिन शिनवात्रा की बेटी हैं और उन्हें प्युथाई पार्टी का उभरता चेहरा माना जाता है। उनका अचानक निलंबन थाई राजनीति में शक्ति संतुलन को बदल सकता है।