अंबानी को जेड+ सुरक्षा दें, खर्च स्वयं वहन करेंगे: सुप्रीम कोर्ट

रणघोष अपडेट. देशभर से

सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों को जेड प्लस सुरक्षा देने को कहा है। यह सुरक्षा उन्हें पूरे भारत और विदेशों में भी मिलेगी। लेकिन इसके साथ ही अदालत ने यह भी साफ़ कर दिया है कि इस सुरक्षा पर आने वाले ख़र्च को मुकेश अंबानी को ही वहन करना पड़ेगा।अदालत ने कहा कि उसने पाया कि मुकेश अंबानी और उनके परिवार को दिया गया सुरक्षा कवर विभिन्न स्थानों और विभिन्न उच्च न्यायालयों में विवाद का विषय रहा है। इसी के मद्देनज़र अदालत ने निर्देश दिया कि मुकेश अंबानी और उनके परिवार को यह सुरक्षा कवर दिया जाए और इसे महाराष्ट्र राज्य व गृह मंत्रालय द्वारा सुनिश्चित किया जाए।सुप्रीम कोर्ट का यह फ़ैसला उस मामले में आया है जिसमें मुकेश अंबानी की सुरक्षा के ख़िलाफ़ विकास साहा नाम के शख्स ने त्रिपुरा हाईकोर्ट में पिछले साल जनहित याचिका दायर की थी। इस पर हाईकोर्ट ने केंद्र से जवाब तलब करते हुए मुकेश अंबानी पर ख़तरे के आकलन की जानकारी मांगी थी। इस मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि किसी परिवार को दी गई सुरक्षा जनहित का मुद्दा नहीं है और अंबानी की सुरक्षा का त्रिपुरा से कोई लेना-देना भी नहीं है। इसके बाद त्रिपुरा हाईकोर्ट से जारी निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को स्टे लगा दिया था।पहले यह भी सवाल उठाया गया था कि अंबानी को जो सुरक्षा देने की बात कही गई थी वह महाराष्ट्र राज्य के लिए था क्योंकि वहीं उनका आवास और दफ्तर है। लेकिन अब इस मामले में जस्टिस कृष्ण मुरारी और एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच का सोमवार को जो फ़ैसला आया है उसमें उन्हें पूरे देश के अलावा विदेश में भी सुरक्षा देने की बात कही गई है। अदालत ने कहा, ‘पक्षों के वकील को सुनने के बाद हमारी सुविचारित राय है कि यदि कोई सुरक्षा खतरा है तो दिया गया सुरक्षा कवर और वह भी उनके अपने खर्च पर, किसी विशेष क्षेत्र या ठहरने के स्थान तक सीमित नहीं किया जा सकता है। मुकेश अंबानी और उनके परिवार की देश के भीतर और देश के बाहर भी व्यावसायिक गतिविधियों में सुरक्षा कवर देने का मूल उद्देश्य विफल हो जाएगा, यदि यह किसी विशेष स्थान या क्षेत्र तक सीमित है।’ एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिवादी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी का तर्क है कि मुंबई पुलिस और गृह मंत्रालय और केंद्र सरकार द्वारा लगातार खतरे की धारणा के मद्देनजर प्रतिवादी को उच्चतम स्तर की जेड प्लस सुरक्षा दी गई थी।

मुकेश अंबानी को सुरक्षा कब मिली

मुकेश अंबानी और उनके परिवार को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से धमकी मिलने के बाद यूपीए सरकार ने 2013 में जेड कैटेगरी की सुरक्षा दी थी। इसे अब जेड+ कर दिया गया है। बता दें कि फरवरी 2021 में एंटीलिया के बाहर से विस्फोटक से लदी एक एसयूवी बरामद की गई थी, जिसमें 20 जिलेटिन की छड़ें और एक चिट्‌ठी मिली थी। चिट्ठी में मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी को धमकी दी गई थी।प्रमुख रूप से छह प्रकार की सुरक्षा होती है। इसमें एक्स, वाई, वाई प्लस, जेड, जेड प्लस और एसपीजी। एसपीजी सुरक्षा प्रधानमंत्री और उनके परिवार के लिए होती है, जबकि अन्य श्रेणियों की सुरक्षा ख़तरे के स्तर के हिसाब से दी जाती है।  जेड प्लस सुरक्षा सिर्फ वीवीआईपी को मिलती है। यह प्रधानमंत्री को मिलने वाली स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की सुरक्षा के बाद दूसरे स्तर की सबसे तगड़ी सुरक्षा है। सुरक्षा में 58 जवान रहते हैं। 10 एनएसजी कमांडो होते हैं। इसके अलावा 15 पुलिस कमांडो, 6 पीएसओ, 24 जवान, 5 वॉचर्स, एक इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर बतौर इंचार्ज रहता है। इनके अलावा वीवीआईपी के घर आने-जाने वाले लोगों की जाँच के लिए 6 जवान और छह प्रशिक्षित ड्राइवर भी होते हैं।

One thought on “अंबानी को जेड+ सुरक्षा दें, खर्च स्वयं वहन करेंगे: सुप्रीम कोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *