कृषि कानून के विरोध में आंदोलनरत किसान संगठनो के समर्थन में कन्नौज मे प्रस्तावित किसान यात्रा में भाग लेने जा रहे समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के आवास और पार्टी दफ्तर के बाहर बड़ी तादाद में पुलिस बल की तैनाती की गयी है। जिला प्रशासन की दलील है कि कोविड प्रोटोकाल के उल्लघंन की आशंका से किसान मार्च को इजाजत नहीं दी जा सकती। सपा अध्यक्ष ने रविवार को कन्नौज में पार्टी द्वारा आयोजित किसान मार्च में भाग लेने की घोषणा की थी जिसके बाद देर रात से ही विक्रमादित्य मार्ग स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय और श्री यादव के आवास के बाहर पुलिस का पहरा लगा दिया गया था। यादव के आवास से लेकर पार्टी कार्यालय तक के बल्लियों से बैरीकैडिंग की गई है। पुलिस ने सपा अध्यक्ष के वाहन और सुरक्षा कर्मियों को बैरीकैडिंग के बाहर ही रोक दिया है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि जिला प्रशासन के इस कदम से खफा पार्टी प्रमुख घर से बाहर निकल कर सड़क पर ही पत्रकारों से बात कर सकते हैं। इस बीच किसान यात्रा पर अड़े कुछ कार्यकर्ताओं की पुलिस अधिकारियों से नोकझोंक हुयी जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हे खदेड़ दिया। सपा के दो एमएलसी उदय वीर सिंह और राजपाल कश्यप ने श्री यादव के आवास पर जाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हे रोक दिया। सपा नेताओं का आरोप है कि उन्होने पुलिस अधिकारियों को बाकायदा अपने परिचय पत्र दिखाये लेकिन इसके बावजूद उन्हे अपने ही नेता से मिलने की अनुमति नहीं दी गयी जो लोकतंत्र के अपमान की पराकाष्ठा है। उधर सपा विधान पार्षद सुनील सिंह साजन ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि राज्य की योगी सरकार किसानो के आंदोलन को कुचलना चाहती है जबकि सपा अध्यक्ष का साफ संदेश है कि उनके कार्यकर्ता किसानो की जमीन के हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे चाहे इसके लिये उन्हे अपनी जान ही क्यों न कुर्बान करनी पड़े। सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री को घर पर नजरबंद कर दिया और उनके आवास को छावनी में तब्दील कर दिया लेकिन इससे सपा के इरादों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और उनकी पार्टी मुश्किल वक्त में किसानो के साथ खड़ी रहेगी।
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