भाजपा में बगावत को खत्म कर गई कापड़ीवास की अपनी ताकत
रणघोष खास. सुभाष चौधरी
2003 में रेवाड़ी की जमीन से भाजपा से रिश्ते की शुरूआत करने वाले दक्षिण हरियाणा के सबसे उम्रदराज, पूरी तरह से सक्रिय व आक्रमक तेवरों से सुर्खियों में रहने वाले पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास आज भी पूरी तरह भाजपा में असरदार है। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय उतरे कापड़ीवास को उनके विरोधियों ने बागी बताकर भाजपा से निष्कासित होने का जो ढिंढोरा पीटा था सफेद झूठ के अलावा कुछ नहीं निकला। यहीं वजह है कि दो दिन पहले हरियाणा भाजपा प्रदेश प्रभारी बिप्लब देव ने अपने आवास पर कापड़ीवास समेत अनेक उन नेताओं के साथ डिनर किया जिसकी पिछले चुनाव में अनदेखी हुई थी। इन नेताओं में कापड़ीवास अकेले ऐसे नेता थे जिन्होंने टिकट नहीं मिलने पर बजाय चुपचाप घर बैठने के मैदान में उतरने की हिम्मत दिखाई जो किसी पार्टी में बगावत माना जाता है। 2019 चुनाव के बाद लगा कि कापड़ीवास का भाजपा से रिश्ता खत्म हो चुका है। उनके विरोधियों में विशेषतौर से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के समर्थकों ने इसका जमकर प्रचार किया। भाजपा संगठन कार्यालय में कापड़ीवास कभी नजर नहीं आए। इससे साफ जाहिर हो रहा था कि कापड़ीवास 16 साल पहले वहीं लौट गए हैं जहां से उन्होंने भाजपा की दिग्गज नेत्री सुषमा स्वराज, पूर्व सीएम दिल्ली साहिब सिंह वर्मा की मौजूदगी में पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पार्टी को ज्वाइन किया था। समय के साथ बदलती राजनीति में कापड़ीवास बजाय रसातल में जाने के तेजी से जमीन पर पूरे जोश के साथ भाजपा के ताकतवर नेताओं के साथ कदमताल करते नजर आए इसमें केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, भाजपा संसदीय बोर्ड सदस्या डॉ. सुधा यादव, राज्य के गृह मंत्री अनिल विज समेत अनेक नेता शामिल है। इन नेताओं ने आगे बढ़कर कापड़ीवास का जो सम्मान किया वह साबित कर रहा था कि यह नेता कभी भाजपा से जुदा नहीं हुआ। रही सही तसल्ली प्रदेश प्रभारी बिप्लब देव ने डिनर पर बुलाकर कर दी।
एक माह बाद पूरी तरह रंगत में नजर आएंगे कापड़ीवास
प्रदेश प्रभारी से मिलने के बाद कापड़ीवास के शब्दों ने जोश के साथ अलग ही तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। वे एक माह बाद अपने कार्यालय में पूरी रंगत के साथ नजर आएंगे। बिना चश्मा, बिना किसी एक बनावट दांत के 78 वर्षीय कापड़ीवास का कहना है कि अगर हाईकमान चुनाव में उम्र का मापदंड तय नहीं करती है तो वे 2024 के लिए पूरी तरह तैयार है। उनका मनोमस्तिक ओर तंदुरस्ती पूरी तरह से जवान है। 1996 से रेवाड़ी विधानसभा चुनाव में उतरते आ रहे कापड़ीवास को भाजपा ने तीन बार टिकट दिया जिसमें 2014 में वे पहली बार विधायक बने। इससे पहले दो बार उस समय टिकट मिली जिसे लेने के लिए कोई तैयार नहीं होता था। इसमें कोई दो राय नहीं की कापड़ीवास इस क्षेत्र में राव इंद्रजीत सिंह के बाद सबसे जनाधार वाले नेता है जिसके पास अच्छे खासे समर्थकों की फौज है जिसका भरपूर फायदा भाजपा को मिलता रहा है।
लोकसभा चुनाव के लिए हो रही यह एक्सरसाइज
हरियाणा में मौजूदा हालात के मददेनजर भाजपा की स्थिति को देखते हुए भाजपा हाईकमान किसी सूरत में अलग अलग कारणों से नाराज चल रहे नेताओं से होने वाले नुकसान को झेलने की पोजीशन में नहीं है। इसलिए उन्होंने कापड़ीवास की बगावत से ज्यादा उसकी ताकत को अहमियत दी है।
निर्दलीय चुनाव लड़ना कापड़ीवास का सही फैसला बन गया
प्रदेश प्रभारी से मिलने वालों में पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह, विपुल गोयल, विक्रम यादव, संतोष यादव, जगदीश यादव समेत अनेक दिग्गज शामिल थे। जिन्होंने 2019 के चुनाव में ऐन वक्त पर टिकट नहीं मिलने पर चुप रहना ही अपनी समझदारी समझी वहीं कापड़ीवास सीधे निर्दलीय मैदान में उतर गए। इन सभी नेताओं की गिनती राव इंद्रजीत सिंह विरोधी खेमें के तौर पर होती है। कापड़ीवास ने जब यह फैसला लिया उसे जल्दबाजी व गलत कदम बताया गया। कापड़ीवास की असली ताकत उनके समर्थक थे जो आज भी मजबूत से डटे रहे जिस कारण वे जनता में अभी तक पूरी तरह सक्रिय है ओर मिली हार से एक सहानुभूति का वोट बैंक भी उनसे जुड़ गया है। भाजपा हाईकमान को भी यह अहसास हो गया कि 2019 के बाद से पार्टी पहले से ज्यादा कमजोर हुई हैं।
उम्र आड़े आई तो मुकेश कापड़ीवास संभालेंगे विरासत
अगर कापड़ीवास उम्र दराज के आधार पर टिकट की दावेदारी पैनल से बाहर हो जाते हैं तो अपने भतीजे मुकेश कापड़ीवास की मजबूत दावेदारी पेश कर सकते हैं। मुकेश काफी समय से भाजपा में युवा सक्रियता के साथ चुपचाप लोगों से निजी तौर पर मुलाकात का सिलसिला चलाए हुए हैं। वे मीडिया में भी ज्यादा सुर्खियों में नहीं रहते लेकिन पिछले कुछ माह से रणधीर सिंह कापड़ीवास के साथ सीनियर नेताओं से मुलाकात में जरूर नजर आते हैं। कुल मिलाकर रेवाड़ी सीट पर सबसे उम्र दराज यह नेता एक बार फिर भाजपा में असरदार नजर आने लगा है।