युवा किसान संघर्ष समिति व राष्ट्रीय नवचेतना मंच के तत्वावधान में पिछले पाँच दिनों से एसवाईएल नहर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनुपालना के लिए पद यात्रा की जा रही है जिसका नेतृत्व पूर्व विधायक नरेश यादव व राष्ट्रीय नवचेतना मंच के संयोजक जननेता विजय सोमाणी पदयात्रा कर रहे हैं उनके साथ काफी नांगल चौधरी नारनौल अटेली कुंड रेवाडी धारूहेडा व बिलासपुर सिधरावली व गुरुग्राम से जुड़े गांव के लोग किसान, युवा, छात्र, व अन्य सामाजिक और राजनैतिक संगठन से जुड़े लोग इस यात्रा को अपना समर्थन दे रहे हैं। रविवार को यह यात्रा जिला नारनौल व रेवाडी के बाद ज़िला गुरुग्राम में प्रवेश कर गई यह यात्रा राष्ट्रपति भवन तक जारी रहेगी इस यात्रा को जिला गुरुग्राम में कितने लोग समर्थन करेंगे व कितने राजनैतिक सामाजिक शैक्षणिक बुद्धिजीवी लोग इसका समर्थन करते हैं यह एक महत्वपूर्ण विषय होगा। अधिवक्ताओं व पत्रकार बंधुओं से अपील है कि एसवाईएल नहर पर इस यात्रा का समर्थन करें व इस न्याय युद्ध में साथ दें चूँकि सर्वोच्च न्यायालय के फ़ैसला देने के बावजूद भारत सरकार हरियाणा के पानी के लिए गम्भीर नहीं है , जहाँ भारत सरकार ने धारा 370 को हटा दिया था व सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ़ हो गया था परंतु हरियाणा के पानी के लिए भारत सरकार का सख़्त हस्तक्षेप अब समय की अहम मांग है । पंजाब सरकार का रवैया हरियाणा के क़िसानो के पक्ष में नहीं है ऐसे में यह देखना अहम है की काँग्रेस और भाजपा से जुड़े पदाधिकारियों की उदासीनता देखने को मिल रही है । नारनौल रेवाडी नूह व गुरुग्राम जिस क्षेत्र के आम नागरिक को इस एस॰वाय॰एल नहर का पानी मिलना है उनमें एक समाचार भी छोड़ रही है ये लोग जो विभिन्न पार्टियों से जुड़े हैं ये राजनीति समाज सेवा के लिए कर रहें हैं या आराम और पैसा कमाने के लिए। भारत सरकार व पंजाब सरकार के बीच में किसानों को लेकर चल रहे आंदोलन ने देश की राजधानी दिल्ली को चारों तरफ़ से घेर लिया व भारत सरकार की नाक में दम कर दिया जबकि वहाँ के सांसदों ने अपने राय को ठीक ढंग से न रखने की वजह से ये सब क़ानून बने हैं ऐसे में युवा किसान संघर्ष समिति व राष्ट्रीय नवचेतना मंच व अन्य सामाजिक संगठन आरपार की लड़ाई के मूड में है व भारत सरकार को यह पदयात्रा एक संदेश दे रही है कि जिस ढंग से हरियाणा में राव बीरेंद्र सिंह की सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था व चौधरी ओम् प्रकाश चौटाला जी की सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था उसी तरह कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार को भी बर्खास्त कर देना चाहिए ।