रणघोष अपडेट. बावल
औद्योगिक क्षेत्र स्थित जेआरजी ऑटो मोटिव इंड्रस्टीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के उत्पादन प्लांट में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की टीम बताकर दो वाहनों में सवार होकर आए लोगों का औचक निरीक्षण पूरी तरह विवादों में आ गया है। कंपनी प्रबंधन ने जो खुलासा किया है वह हैरान करने वाला है। प्रबंधन सदस्यों का कहना है कि टीम में सदस्यों में दो की जेब में पिस्टल थी। दूसरा उसी दिन शाम 6 बजे के आस पास इसी टीम के सदस्यों ने रेवाड़ी पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में कपंनी प्रबंधन को बुलाया था जहां इनका इरादा दबाव बनाकर कंपनी से वसूली करना था। इस पूरे घटनाक्रम से पीएम हाउस से लेकर सभी संबंधित मंत्रालय को सूचित कर दिया है साथ ही रेवाड़ी जिला प्रशासन को भी अवगत कराया है। रेवाड़ी चेंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज ने भी अधिकारियों से मिलकर इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
कंपनी प्रबंधन ने साक्ष्य के साथ पेश किया पूरा घटनाक्रम
कंपनी के जीएम एवं एचआर हैड दिलीप वर्मा ने लिखित में जारी प्रेस नोट के हवाले से बताया कि हरियाणा के बावल औद्योगिक क्षेत्र में वर्ष 2009 से हमारी तीन औद्योगिक ईकाइयां कार्यरत हैं। तीनों इकाइयों में होंडा मोटरसाइकिल व सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड दुपहिया व मारुति, होंडा कार इंडिया लिमिटेड चार पहिया वाहनों के लिए प्लास्टिक पुर्जों का उत्पादन किया जाता है। औद्योगिक इकाइयों की ओर से सभी फैक्ट्री एक्ट व सरकार द्वारा निर्धारित अन्य मापदंडों को पूरा किया जाता है। सात अक्टूबर 2021 को दोपहर करीब 3:30 बजे एक प्लांट में अप्रत्याशित घटना हुई। इस दिन करीब 15 लोगों की एक टीम 3 कारों में सवार होकर कंपनी के अंदर पहुंची। इनमें से एक गाड़ी बावल पुलिस थाने की थी जिसमें 4 पुलिसकर्मी सवार थे। दो वाहनों में से एक वाहन पर भारत सरकार लिखा हुआ था, और एक निजी वाहन था। यह सभी वाहन कंपनी के गेट पर सुरक्षा जांच पालन किए बगैर कंपनी के अंदर घुसे और गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को अपनी पहचान बतानी तक उचित नहीं समझी। इन लोगों की टीम सीधे प्लांट के उत्पादन हॉल में पहुंची और यहां पर प्लांट हेड व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा पहचान पत्र मांगे जाने पर भी इन्होंने अपनी पहचान नहीं बताई। टीम द्वारा मौखिक रूप से बताया गया कि यह लोग वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत सरकार की ओर से आए हैं। जबकि इस टीम के साथ स्थानीय औद्योगिक विभाग का कोई भी अधिकारी व कर्मचारी मौजूद नहीं था। प्लांट में आते ही टीम की ओर से अकुशल कर्मचारियों से गुणवत्ता मापदंड के बारे में पूछताछ शुरू कर दी गई इनमें से दो व्यक्ति टीम के लीडर लग रहे थे जो कि पिस्टल लगाए हुए थे। करीब आधे घंटे की पूछताछ के बाद और बिना अपने पहचान पत्र दिखाए प्लांट हेड का कांटेक्ट नंबर लेकर निकल गए। इस तरह की घटना कभी भी प्लांट में घटित नहीं हुई थी, इसके चलते इस वारदात के बाद कंपनी कर्मचारियों के अंदर भी सदमे व डर का माहौल बन गया था।
– जांच कर स्थिति स्पष्ट करने की मांग
दिलीप वर्मा ने अपनी शिकायत में कहा कि केंद्र व हरियाणा सरकार की ओर से इंस्पेक्टर राज खत्म करने की बात कही जाती है लेकिन कंपनी के अंदर हुई यह घटना पूरी तरह से इसके विरुद्ध है।– क्या सरकार द्वारा कोई इस तरह की अथॉरिटी नियुक्त की गई है जो अपनी जेबों पर पिस्टल
लगाकर प्लांट के अंदर निरीक्षण कर सके।
– क्या किसी औद्योगिक इकाई में इस तरह से निरीक्षण के दौरान औद्योगिक विभाग के स्थानीय अधिकारियों को शामिल किया जाना जरूरी नहीं है।
– क्या किसी भी टीम को फैक्ट्री के मुख्य गेट पर सुरक्षा सहित अन्य मापदंडों को पूरा किए बगैर ही अंदर प्रवेश की अनुमति दी गई है।
– प्लांट मानकों के अनुसार प्लांट के अंदर सरकारी व गैर सरकारी व्यक्तियों द्वारा हथियार लेकर जाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, यहां पर नियमों का कतई भी पालन नहीं किया गया।
निरीक्षण से पहले कोई जानकारी नहीं दी गईँ
एचएसआईआईडीसी विभाग के किसी भी अधिकारी द्वारा इस तरह के किसी भी निरीक्षण की जानकारी नहीं दी गई और न ही इस विभाग का कोई अधिकारी इस टीम के साथ मौजूद था। टीम के निरीक्षण के तुरंत बाद हमारे पास में स्थित एक औद्योगिक इकाई से एक पत्र मिला, जिसमें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के तहत क्वालिटी कौंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य अनिल शर्मा का रेवाड़ी व बावल का विजिट प्लान था। इसी दिन शाम करीब साढ़े 6 बजे टीम के एक सदस्य द्वारा हमारे प्लांट हेड को कॉल कर रेवाड़ी स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में बुलाया गया। इस दौरान वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की कथित टीम द्वारा प्लांट के अधिकारियों से कहा गया कि आप इस मामले को किस तरह से समाधान करना चाहते हैं। हमारे अधिकारी ने टीम को बताया कि आप हमारी कंपनी की जांच करना चाहते हैं तो कर सकते हैं ।आप इसके लिए स्वतंत्र हैं। इस पत्र के साथ हम प्लांट में पहुंची टीम के कुछ फोटो भी सलंगन कर रहे हैं। जो कि सीसीटीवी के माध्यम से लिए गए हैं।
आसपास की कंपनियों द्वारा फैलाई जा रही है अफवाह
–एचआर हैड ने कहा कि इस मामले की तुरंत जांच कराई जाए ताकि इस औचक निरीक्षण का कारण पता लग सके। प्लांट कर्मचारियों की सुरक्षा के अलावा पड़ोस की कंपनियों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों पर विराम लगाने के लिए भी जांच कराना जरूरी है। कुछ लोगों की ओर से कहा जा रहा कि हैं कंपनी में अनेक प्रकार की अनियमितताओं के चलते जांच एजेंसी द्वारा रेड की गई।