आईपीएस रूपा मौदगिल ने आईएएस रोहिणी सिंधुरी पर आरोप लगाया कि उन्होंने 3 पुरुष सहयोगियों को ‘तस्वीरें भेजकर’ अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों का उल्लंघन किया. सिंधुरी ने इसे ‘निंदा करने का अभियान’ करार दिया.
रणघोष अपडेट. बेंगलुरू से शरण पुवन्ना, दि प्रिंट की रिपोर्ट
कर्नाटक में बसवराज बोम्मई की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार ने दो वरिष्ठ महिला सिविल सेवकों का तबादला कर दिया है, जब उनमें से एक ने दूसरे पर अनुचित व्यवहार का आरोप लगाते हुए विवाद खड़ा कर दिया था.2001 बैच की आईपीएस अधिकारी और मंगलवार तक कर्नाटक हस्तशिल्प निगम की प्रबंध निदेशक डी. रूपा मौदगिल ने 2009 बैच की आईएएस अधिकारी और मुजरई विभाग की आयुक्त रोहिणी सिंधुरी के खिलाफ कदाचार का आरोप लगाया था. शनिवार को एक फेसबुक पोस्ट में, रूपा ने सिंधुरी की तस्वीरें पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया कि आईएएस अधिकारी ने तस्वीरें ‘तीन पुरुष’ सहयोगियों को भेजा था. रूपा ने कहा, यह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों के लिए अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों के अनुसार एक ‘अपराध’ है. इस तरह की तस्वीरें सामान्य लग सकती हैं. लेकिन, इसका क्या मतलब है अगर एक महिला आईएएस अधिकारी एक या दो या तीन आईएएस पुरुष अधिकारियों को और इस तरह की कई तस्वीरें भेजती हैं.उसी दिन बाद में, रूपा ने सिंधुरी के खिलाफ 19 आरोप लगाए, जिनमें से एक 2015 में डी. के. रवि की मौत में उनकी कथित भूमिका से संबंधित था. 2009 बैच के आईएएस अधिकारी डी. के. रवि रवि ने आत्महत्या कर ली थी.इसके जवाब में, सिंधुरी ने रविवार को एक बयान जारी कर रूपा पर उनके खिलाफ ‘झूठा, व्यक्तिगत आरोप’ लगाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘मैं भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कदाचार और अपराधों के लिए उसके कार्यों के लिए उपयुक्त अधिकारियों के साथ कानूनी और अन्य कार्रवाई करूंगी.’रूपा और सिंधुरी दोनों को उनकी भविष्य की पोस्टिंग के बारे में कोई जानकारी दिए बिना मंगलवार को उनके वर्तमान प्रभार से मुक्त कर दिया गया.दिप्रिंट ने डी. रूपा मौदगिल और रोहिणी सिंधुरी से कॉल के माध्यम से संपर्क किया लेकिन स्टोरी प्रकाशित होने तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. प्रतिक्रिया मिलने पर स्टोरी को अपडेट कर दिए जाएगा.कर्नाटक के गृह मामलों के मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा था कि इस तरह के गलत व्यवहार में शामिल अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘उन्हें दंडित किया जाना चाहिए और मैंने पहले ही डीजी (पुलिस महानिदेशक) और सीएस (मुख्य सचिव) से बात की है. मुख्यमंत्री को भी मामले से अवगत करा दिया गया है.’इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक से भाजपा के राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने सोमवार को एक ट्वीट में इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं @PMOIndia और @HMOIndia से आग्रह करता हूं कि वे भारत भर के नौकरशाहों को अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया खातों से लॉग आउट करने की सलाह दें. उनके व्यक्तिगत विचार और प्राथमिकताएं अक्सर सरकारों के कामकाज में बाधा डालती हैं.’