रणघोष न्यूज । जयवीर फोगाट | दादरी गांव खेडी बूरा के हालिया सरपंच व तत्कालीन ग्राम सचिव के खिलाफ गांव में विकास कार्यो में गोलमाल करते हुए लाखों रूपए की राशी के गबन के मामले को चण्डीगढ़ सूचना आयुक्त कार्यालय में आदेश पारित हो जाने के बावजूद भी दादरी के जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी के न पेश होने और न ही कोई दस्तावेज को दिखाने पर अब उन पर कडी कार्यवाही की जा रही है।
इस मामले में शिकायत कर्ता पंच दिनेश कुमार ने बताया कि इस पूरे प्रकरण में दादरी के जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी को चण्डीगढ सूचना आयुक्त कार्यालय में आगामी 4 अगस्त को इस पूरे मामले दस्तावेजों के साथ पेश होकर रिपोर्ट करने के आर्डर जारी कर दिए है, ऐसा न करने की सूरत में उन पर 25 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। शिकायत कर्ता ने बताया कि पहली दफा जब उसने सरपंच द्वारा जानकारी दी गई तो उन्हें पता लगा कि ग्राम सचिव की मिलीभगत के साथ उसने लाखों रूपए का गोलमाल किया हुआ है।
दूसरी आरटीआई लगाने के बाद भी नहीं दिया जवाब
इसी मामले में जब विस्तार से जानकारी पाने के लिए इस पूरे प्रकरण को सन 2018 में उन्होंने 26 फरवरी को गांव में किए गए विकास कार्यो की सूचना हालिया सरपंच से सूचना के अधिकार माध्यम से दोबारा जानकारी मांगी। दूसरी आरटीआई लगाई का सरपंच ने उसका कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद विकास के लिए जारी राशी में इसे लेकर सूचना पाने व कार्यवाही हेतु उन्होंने बी डी ओ को प्रथम अपील की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद सूचना आयुक्त चण्डीगढ़ को समस्त मामले से अवगत करवाया।
इस मामले में कार्यवाही हेतु इसके बाद दादरी बीडीपीओं कार्यालय को हरियाणा सूचना आयोग उपायुक्त कार्यालय ने इस मामले को लेकर जानकारी शिकायतकर्ता दिनेश पंच को उनके घर पर लिखित में भिजवाने का आदेश दिया था। चण्डीगढ से दो बार आदेश पारित होने के बावजूद भी दादरी डी डी पी ओ ने शिकायत कर्ता को किसी भी तरह की सूचना उपलब्ध नहीं करवाई। इस मामले को लंबा खिचता देश शिकायतकर्ता दिनेश पंच ने वर्तमान वर्ष में एक बार फिर चण्डीगढ सूचना आयुक्त के कार्यालय में इस मामले में अपनी गुहार लगाई कि किस प्रकार उन्हें कोई सूचना नहीं दी जा रही है।
इस पर कडा संज्ञान लेते हुए चण्डीगढ़ उपायुक्त ने वर्तमान माह के प्रथम सप्ताह में दादरी डी डी पी ओ ऋषि डांगी को आदेश पारित कर दिए कि इस मामले में आगामी 4 अगस्त को वह खुद सभी गजातों सहित सूचना उपायुक्त कार्यालय में पहुंचे। ऐसा न होने की स्थिति में दादरी के अधिकारी के उपर 25 हजार तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।