किशिदा के सलाहकार ने घटती जनसंख्या पर जताई चिंता, अब रह गई है इतनी आबादी
टोक्यो: जापान में तेजी से घटती जनसंख्या पर प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के सलाहकार मसाको मोरी ने गंभीर चिंता जताई है. मसाको ने एक बयान में कहा है कि देश का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा अगर समय रहते जन्म दर में गिरावट में कमी नहीं आई तो देश की अर्थव्यवस्था को चकनाचूर होने में देरी नहीं लगेगी. मसाको मोरी ने फरवरी में जापान द्वारा घोषणा किए जाने के बाद एक साक्षात्कार में ब्लूमबर्ग को बताया, ‘अगर जन्मदर घटती रही तो देश गायब हो जाएगा.’
मोरी ने कहा, ‘घटती जनसंख्या की वजह से जापान भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा. देश की आर्थिक ताकत बर्बाद हो जाएगी, सामाजिक सुरक्षा प्रणाली ध्वस्त होगी और आत्मरक्षा बलों के लिए पर्याप्त भर्तियां नहीं होंगी. यह एक भयानक बीमारी है जो उन बच्चों को प्रभावित करेगी.’ ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में, जापान में पैदा हुए लोगों की तुलना में लगभग दोगुने लोगों की मृत्यु हुई, जिसमें 800,000 से कम जन्म और लगभग 1.58 मिलियन मौतें हुईं हैं. छोटे से देश मोनाको के बाद जापान में 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों का अनुपात पूरे विश्व में अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का अनुपात बढ़कर 29% से अधिक हो गया है.
जापान की जनसंख्या 2008 में 128 मिलियन से गिरकर 124.6 मिलियन हो गई है और अब गिरावट की दर बढ़ रही है. जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने देश की कम जन्म दर से निपटने के लिए वादा किया है. वह कई नीतियों के जरिए देश के नागरिकों को और बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. माना जा रहा है कि ज्यादा उम्र में शादी करने के कारण जन्मदर में गिरावट हो रही है. यह सिर्फ जापान का हाल नहीं है, चीन भी इसी ट्रेंड से गुजर रहा है. देश ने 2011 और 2021 के बीच तीन मिलियन से अधिक लोगों की मौत हुई है.