गांव दिदौली में 75 पार उम्र के एक दंपति ने अपनी जवानी में मजदूरी कर परिवार की परवरिश की। उन्होंने अपने बच्चों को एक ही पाठ पढ़ाया मेहनत में ही सबकुछ छिपा है। खुद की मेहनत ही असली पूंजी है। इसलिए उनके तीनों बेटे समय के साथ अपना छोटा- बड़ा व्यवसाय कर पारिवारिक जिम्मेदारियों को आगे बढ़ा रहे हैं। 75 साल के ज्ञानीराम एवं दो साल छोटी रूपा देवी शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ्य है। बेहद साधारण ज्ञानीराम ने जीवन भर मजदूरी कर परिवार की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है। दोनों के तीन बेटे दो बेटियां है। समय के साथ परिवार बढ़ता गया और वर्तमान में 12 सदस्य है। उनके बेटे जिले सिंह बताते हैं कि पिताजी- माताजी को हमने बचपन से आज तक मेहनत करते देखा है। उन्होंने जिंदगी में हमें केवल एक ही पाठ पढ़ाया है कि मेहनत करो इसके बिना आगे नहीं बढ़ सकते। इसलिए हमने भी बचपन में मेहनत करनी शुरू कर दी थी। उनकी सैलुन की दुकान है। माता- पिता का स्वास्थ्य पूरी तरह से सही है। आराम करते हैं।