दिल्ली की कड़कड़डुमा कोर्ट ने मंगलवार को 2020 के दिल्ली दंगों के मामले (Delhi riots case) में फैसला सुनाते हुए 9 आरोपियों को दोषी ठहराया है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी, उस अनियंत्रित भीड़ का हिस्सा थे जो हिंदू समुदाय के लोगों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रही थी. दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में हुई आगजनी, तोड़फोड़ और दंगे से जुड़े इस मामले में मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शानू, मोहम्मद शोएब उर्फ छुटवा, शाहरुख, राशिद उर्फ राजा, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैसल को दोषी करार दिया गया. इनकी पहचान सीसीटीवी कैमरे, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और सार्वजनिक गवाहों की मदद से की गई थी. विशेष लोक अभियोजक डीके भाटिया ने कहा कि अदालत ने सजा पर दलीलें सुनने के लिए 29 मार्च की तारीख तय की है.
इस मामले में राशिद उर्फ मोनू के खिलाफ कई आरोप थे. उस पर दंगा करने, चोरी करने और आगजनी कर उपद्रव करने, संपत्तियों को आग लगाकर नष्ट करने और अवैध जमावड़े से संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था. जांच में सीसीटीवी कैमरों, सोशल मीडिया पर वायरल फुटेज और सार्वजनिक गवाहों की मदद लेकर आरोपियों की पहचान की गई और उन पर कार्रवाई हुई. जांच अधिकारी ने बताया था कि सभी आरोपी दंगे में शामिल थे. इसमें मोहम्मद शाहनवाज, मोहम्मद शोएब, शाहरुख, राशिद, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैसल और राशिद को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था. अनुमति लेने के बाद इन सभी से पूछताछ हुई और फिर इन्हें गिरफ्तार किया गया.
घर पर किया था हमला और लूटपाट मचाई थी
दिल्ली दंगा मामले में शिकायतकर्ता ने बताया था कि 24-25 फरवरी की रात को उसके घर पर हमला हुआ था और लूटपाट की गई थी. भीड़ ने उसके घर के ऊपरी मंजिल पर उसके कमरे में आग लगा दी थी. दंगा करने, तोड़फोड़ करने और आगजनी करने वालों की पहचान की गई थी. मोहम्मद शाहनवाज, मोहम्मद शोएब, शाहरुख, राशिद, आजाद, अशरफ अली, परवेज और मोहम्मद. फैसल और राशिद को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था.
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