पीएफ में ज्यादा पैसे बचाने वालों को वित्त मंत्री ने बड़ा झटका दिया है। नए प्रस्ताव के तहत एक साल में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा प्रोविडेंट फंड में पैसा जमा करने पर मिलने वाला ब्याज अब टैक्स के दायरे में आएगा। इससे उच्च आय वाले लोग सीधे तौर पर प्रभावित होंगे, जो टैक्स फ्री ब्याज के लिए प्रोविडेंट फंड में ज्यादा पैसा करते हैं।
2016 में आया था ऐसा ही प्रस्ताव पर
यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने पीएफ में जमा पर पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा है। 2016 के बजट में भी प्रस्ताव किया गया था कि ईपीएफ के 60 प्रतिशत पर अर्जित ब्याज को टैक्स के दायरे में लाया गया था। हालांकि नए कर के खिलाफ बड़े पैमाने पर जब विरोध हुआ तो सरकार को प्रस्ताव वापस लेना पड़ा था।
पीएफ का ये है नियम
पीएफ में कर्मचारी के योगदान पर आयकर कानून के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। साथ ही इस पर मिलने वाला ब्याज और निकाला जाने वाला पैसा भी टैक्स फ्री होता है। लेकिन इसमें एक शर्त जुड़ी है। वह यह कि ईपीएफ से निकाले जाने वाला पैसा तभी टैक्स फ्री होगा, जब कर्मचारी ने लगातार 5 साल नौकरी करने के बाद यह निकासी की हो। अगर 5 साल की नौकरी पूरी होने से पहले ही कर्मचारी ईपीएफ से पैसा निकालता है तो इस पर टैक्स देना पड़ता है।