निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने सरकार के 10वीं और 12वीं कक्षा के स्कूल खोलने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार 5 से 8वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के भी स्कूल खोले जिससे उन्हें भी शिक्षा का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिकांश विद्यालय चाहे प्राइवेट हो या सरकारी प्राइमरी और मिडिल हैं और यह विद्यालय मार्च से ही बंद पड़े है। जिससे इनमे पढ़ने वाले विद्यार्थियों का सबसे अधिक शिक्षा का नुकसान हो रहा है। मार्च से विद्यालय बन्द होने से विशेषकर बजट विद्यालयों और ग्रामीण विद्यालयों में नाममात्र 5 प्रतिशत तक ही फीस आ रही है। जिस कारण इन विद्यालयों को अपने अध्यपकों को वेतन देना भी मुश्किल हो गया है ।और इनमे पढ़ाने वाले लाखों अध्यापक आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। प्रदेश के हज़ारों प्ले वे स्कूल तो बन्द ही हो चुके है और उनके हज़ारो अध्यापक बेरोजगार होकर घर बैठ गए हैं। निसा अध्यक्ष ने कहा कि एक तरफ तो आर्थिक तंगी दूसरी तरफ से ये कर्ज के तले भी दब कर मानसिक तनाव का शिकार हो गए है, अगर सरकार 25 प्रतिशत बच्चों के साथ भी 5वीं से 8वीं तक के विद्यालयों को कोविड-19 के नियमों की पालना करते हुए विद्यालयों को खोलने के आदेश जारी कर तो, इन बच्चों के शिक्षा की क्षति को भी रोका जा सकता है और शिक्षकों को बेरोजगार होने से बचाया जा सकता है अन्यथा उन्होंने मांग की के ऐसे विद्यालयों के शिक्षकों को सरकार राहत दे और कम से कम 6 माह का वेतन प्रदान करे। उन्होंने छोटे विद्यालयों के 12 माह के बिजली के बिल प्रापर्टी टैक्स, बसों के पैसेंजर टैक्स व अन्य सरकारी टैक्स माफ़ करने की मांग सरकार से की।