83 साल की पत्नी बनारसी के हाथ की रोटी ही खाते हैं 85 साल के बस्तीराम
रणघोष अपडेट. भाकली की कलम से
कोसली उपमंडल के गांव भाकली के 85 साल के बस्तीराम की थाली में चपाती उनकी पत्नी 83 साल की बनारसी देवी बनाकर लाए तो वह भोजन करेंगे नहीं तो उन्हें भोजन में आनंद नहीं आता है। इसलिए बनारसी आज भी चूल्हे पर रोटी बनाकर उन्हें खिलाती है। कहने को यह बुजुर्ग दंपति है लेकिन इनकी दिनचर्या किसी युवा दंपति से कम नहीं है। रूटीन का काम खुद करते हैं। सोचिए जब खाना भी खुद तैयार कर लेते हैं तो ये बुजुर्ग कैसे हो सकते हैं। उनके पोते प्रदीप बताते हैं उनके पिता चार भाई एक बहन है। दादा- दादी के काम में कोई दखल नहीं देता। वे अपने हिसाब से जीवन जीते हें इसलिए दादी अपने हाथ से बना खाना ही उन्हें खिलाते हैं। दोनों के बीच गजब का तालमेल हैं। एक दूसरे का पूरा ख्याल रखते हैं। हमने कभी उन्हें किसी बीमारी से तो दूर खांसी- जुकाम तक नहीं देखा। किसी की नजर नहीं लग जाए इसलिए उनके स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा चर्चा नहीं करते हैं। हालांकि परिवार के सभी सदस्य उनका बराबर ख्याल रखते हैं। वे बड़े वसूलों से चलने वाले लोग हैं इसलिए उनके काम में दखल करने की किसी की हिम्मत नहीं होती है। किसी भी चीज का मन हुआ तो वे घर पर ही बनवाते हैं या बनाते हैं। सुबह जल्दी उठना और जल्दी सोना उनकी दिनचर्या में हैं। वसूलों के पक्के हैं।