रणघोष अपडेट. देशभर से
बिलकीस बानो मामले में जिन 11 दोषियों को समय से पहले रिहा करने का फ़ैसला किया गया था उस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अब फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का रास्ता साफ़ हो गया लगता है। दोषियों की रिहाई वाले गुजरात सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक विशेष पीठ गठित करने पर सहमति व्यक्त की है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने बिलकीस का प्रतिनिधित्व करने वाली वकील शोभा गुप्ता को आश्वासन दिया कि नई पीठ का गठन किया जाएगा। यह दूसरी बार है जब शीर्ष अदालत ने एक विशेष पीठ गठित करने पर सहमति व्यक्त की है। इससे पहले फरवरी में भी शीर्ष अदालत ने ऐसी सहमति व्यक्त की थी।बिलकीस बानो की वकील एडवोकेट शोभा गुप्ता का दावा है कि इस मामले का पहले भी 4 बार उल्लेख किया जा चुका है लेकिन प्रारंभिक सुनवाई और नोटिस के लिए इसे अभी तक लिया जाना बाक़ी है। इस मामले का पहली बार 30 नवंबर, 2022 को उल्लेख किया गया था। इसके बाद इसे जस्टिस अजय रस्तोगी और बेला एन त्रिवेदी की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। जस्टिस रस्तोगी ने पिछले फैसले को लिखा था जिसमें गुजरात को क्षमा याचिका पर फैसला करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।