महिला पहलवानों के समर्थन में किसान नेता, खाप पंचायतें पहुंचीं

रणघोष अपडेट.  देशभर से 

दिल्ली के जंतर मंतर पर रविवार को महिला पहलवानों के समर्थन में किसान नेता राकेश टिकैत के अलावा बड़े पैमाने पर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी यूपी की खाप पंचायतों के नेता भी पहुंचे। दिल्ली-हरियाणा के टीकरी बॉर्डर पर आज सुबह खाप पंचायत सदस्यों और दिल्ली पुलिस के बीच संघर्ष भी हुआ। दिल्ली पुलिस खाप पंचायत के सदस्यों को दिल्ली में आने नहीं देना चाहती थी लेकिन खाप पंचायतों के उग्र तेवर को देखकर उन्हें आने दिया गया।देश की 7 महिला पहलवान यौन उत्पीड़न के खिलाफ पिछले दो हफ्तों से जंतर मंतर पर बैठी हुई हैं। यौन उत्पीड़न का आरोप भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बाहुबली भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह पर है। उनके खिलाफ पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज कर ली हैं लेकिन अभी तक न तो पूछताछ की है और न ही पॉक्सो कानून के तहत ब्रजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की है। भाजपा सांसद का कहना है कि अगर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह उनसे कहेंगे तो वो पद छोड़ देंगे। ब्रजभूषण का आज रविवार का बयान है कि अगर मैंने कुछ गलत किया है तो मुझे फांसी पर लटका दो। खाप अध्यक्ष पालम चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने आज जंतर-मंतर पर महापंचायत के मौके पर कहा, ”इन बच्चों (प्रदर्शनकारी पहलवानों) को न्याय मिलने तक विरोध जारी रहेगा लेकिन हम इसे कैसे आगे बढ़ाएंगे, यह आज हम सब तय करेंगे।” हालांकि संघर्षरत पहलवानों ने विनेश फोगाट से इस संबंध में आगे की कानूनी कार्रवाई पर विचार करने और उसे आगे बढ़ाने को कहा है। महिला पहलवानों के साथ राकेश टिकैत और तमाम खाप नेता जंतर मंतर पर बैठे हुए हैं। बीकेयू (उगराहां) के कार्यकर्ताओं ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश से इनकार किए जाने के बाद दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन किया, क्योंकि वे जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने आए थे। प्रदर्शनकारियों ने सुबह से सीमा पर चल रहे वाहनों की जांच के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ दिया। बाद में उन्हें दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दे दी गई।  पहलवानों के समर्थन में भाग लेने के लिए पंजाब के सैकड़ों किसान – महिलाओं का बड़ा हिस्सा – राष्ट्रीय राजधानी पहुंच गया है। बीकेयू उग्राहन में महिला किसानों का सबसे बड़ा आधार है और इसने 2020 में विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।   संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के तहत 30 से अधिक किसान यूनियनों के गठबंधन ने पहलवानों के समर्थन में देशव्यापी आंदोलन की घोषणा कर दी है।टिकरी बॉर्डर पर अभी भी बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है, क्योंकि हरियाणा के विभिन्न हिस्सों से खाप दिल्ली रवाना हो चुके हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की घोषणा के बाद दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर और राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। दिल्ली पुलिस के जवानों ने विरोध स्थल और सीमावर्ती क्षेत्रों में रेत से भरे डंपिंग ट्रकों के साथ सड़कों पर बैरिकेडिंग कर दी है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा जांच और गश्त के अलावा दंगा नियंत्रण दल भी मौजूद हैं। तीन महीने पहले पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के बाद केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक ‘निरीक्षण समिति’ के गठन की घोषणा की थी। लेकिन आज तक उस समिति के नतीजों की घोषणा नहीं की गई है।

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