रणघोष की सीधी सपाट बात : व्यापारी का सरेआम लूटना अब आम बात है…

 सवाल लूटने वाले में आत्मविश्वास आया कहां से..


रणघोष खास. सुभाष चौधरी
रेवाड़ी शहर के सबसे भीड़ भाड़ वाले बाजार में शुक्रवार दिन दहाड़े ज्वेलरी शोरूम लूट गया। इससे पहले कोई समझ पाता लूटने वाला थोड़ी दूरी पर बाइक लेकर इंतजार कर रहे साथी के साथ फरार हो जाता है। शोर मचते ही पुलिस मौके पर पहुंचती है। सीसीटीवी कैमरे में घटना कैद हो जाती है। जिसमें साफ तौर से नजर आ रहा है कि पिस्टल के बल पर कैसे बदमाश व्यापारी को चंद सैकंडों में लूट कर चला  जाता है। इस तरह की घटनाएं अब आम हो चुकी हैँ। जाहिर है रूटीन की तरह व्यापारी गुस्से में बाजार बंद कर पुलिस के खिलाफ अपना गुस्सा निकालेंगे। पुलिस बदमाशों को पकड़ने में जुट जाएगी। हो सकता है जल्द ही सफलता मिल जाए। वजह जिले को नए एसपी दीपक सहारण पर भरोसा है। डीएसपी अमित भाटिया एवं थाना प्रभारी विद्या सागर बड़ी से बड़ी घटनाओं का पर्दाफाश करने में अभी तक कामयाब रहे हैं। यहां सवाल व्यापारी के लूटने से ज्यादा लूटने वाले के भीतर मजबूत आत्मविश्वास का है। किस तरह वह पूरे रौब के साथ शोरूम में एंट्री करता है और सीधे पिस्टल निकालकर लूटकर चला जाता है। वह भी उस बाजार में जहां की सड़कें अतिक्रमण एवं भीड़ की वजह से नजर तक नहीं आती है। सबसे बड़ी बात सीसीटीवी कैमरे अब दुकानों के लिए अनिवार्य बन चुके हैं। उससे बचने के लिए इस घटना में बदमाश ने हेलमेट का सहारा लिया। यहां गौर करिए। बाहर सड़क पर हेलमेट नहीं पहनने पर पुलिस चालान करती है वहीं लुटेरे अपनी पहचान छिपाने के लिए इसका बखूबी घटनाओं में इस्तेमाल कर रहे हैं। इस स्थिति  में पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती हेलमेट एवं मास्क की आड़ में अपना चेहरा छिपाने वालों के इरादों को समझना और भांपना रहेगा। यह किसी सूरत में आसान नहीं है। ऐसे में पुलिस प्रशासन को शहर के सभी सामाजिक और व्यापारिक संगठनों के साथ मिलकर मौजूदा घटनाओं से सबक लेकर नए सिरे से नीति ओर रणनीति बनानी होगी जिस पर साफ और ईमानदार इरादों के साथ अमल किया जाए। पुलिस के पास कोई चमत्कारी शक्तियां नहीं होती। यह तो जांच अधिकारी  की तत्परता, लगनता, सुझबूझ एवं दिमागी कसरत पर निर्भर करता है कि वह अपराधियों तक कैसे पहुंचता है।  कायदे से  समय समय पर इस तरह की घटनाओं में पकड़े जाने वाले गिरोह के शातिर दिमागों को समझकर कानूनी व्यवस्था में सुधार एवं बदलाव की बेहद जरूरत है। वजह जब भी बेहतर व्यस्था के लिए नए कदम उठाए जाते हैं बदमाश नया रास्ता निकाल लेते हैं। ऐसे में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन एवं आमजन के बीच आपसी विश्वास का मजबूत होना बेहद जरूरी हो गया है। नहीं तो इस तरह की घटनाएं मीडिया की ब्रेकिंग न्यूज बनकर डर का माहौल बनाती चली जाएगी।

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