काले कृषि कानूनों के खिलाफ राजस्थान, हरियाणा, गुजरात के किसान हरियाणा–राजस्थान की शाहजहांपुर सीमा पर पिछले 9 दिन से डटे हुए हैं। धरनास्थल पर किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।प्रैस कांफ्रेंस को किसान संघर्ष समन्वय समिति,कोटा के नेता बलविंदर सिंह,किसान सभा राज्याध्यक्ष पेमाराम,किसान सभा राज्य सचिव छगन चौधरी ने सम्बोधित किया। किसान नेताओं ने बताया कि दिल्ली में चल रहे धरने में शहीद हुए 40 किसानों की श्रद्धांजलि सभा कल देश भर में मनाई गयी और 22 राज्यों में, 90 हजार विरोध सभाओं में, 50 लाख से ज्यादा लोगों ने इनमें भाग लिया।
किसान नेताओं ने खेती में विदेशी व कारपोरेट निवेश का पिछलग्गू बनने के लिए भाजपा–आरएसएस की मोदी सरकार की आलोचना की और कहा है कि 70 करोड़ लोग खेती पर जिंदा रहते हैं, इन कानूनों से उनकी जीविका दांव पर लग गयी है। खेती के 3 कानून खेती के बाजार से सरकारी नियंत्रण हटा देंगे, कम्पनियों व बड़े व्यवसायियों द्वारा खाने का मुक्त भण्डारण शुरू करा देंगे और किसानों को उनके साथ अनुबंध में फंसा देंगे। इससे किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ेगा और गरीबों की कमजोर खाद्यान्न सुरक्षा और कमजोर हो जाएगी। किसान आंदोलन को ओर तेज करने की घोषणा करते हुए किसान नेताओं ने ऐलान किया कि आज से सभी किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर 24 घंटे का ‘क्रमिक अनशन’ शुरू करेंगे।
शाहजहांपुर बॉर्डर पर 11 किसान क्रमिक अनशन पर बैठे
अमराराम सीकर, मंगल सिंह यादव सीकर, कालू थोरी श्रीगंगानगर, रामेश्वर बगङिया सीकर, मोती लाल शर्मा,नागौर, भगत सिंह, चूरू, भीम सिंह मित्तड,हनुमानगढ़ , भगवानाराम जाखड़,चूरू, दया भाई गजेरा, गुजरात, बलविंदर सिंह,श्रीगंगानगर और बेगाराम प्रजापति चूरू क्रमिक अनशन पर बैठे। 23 दिसंबर को आंदोलित किसानों ने एक वक्त का भोजन त्याग करने की घोषणा की है। साथ ही देशवासियों से अपील की है कि वे भी किसानों के समर्थन में 23 तारीख को एक वक्त का अन्न त्याग करे। 27 दिसंबर को जब प्रधानमंत्री मोदी ‘मन की बात’ शुरू करें, सभी देशवासी अपने–अपने घरों में थाली बजाना शुरू करें, जब तक वे बोलते रहें तब तक थाली बजाते रहें। 25-27 दिसंबर को किसान अपने–अपने क्षेत्रों में सभी वाहनों के लिए टोल फ्री करेंगे।सभा का संचालन डॉ.संजय“माधव“,हरफूल सिंह और रेशम सिंह ने किया।