देश के नए संसद भवन निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने कहा है कि जब तक कोई फैसला नहीं सुनाया जाता है तब तक ‘सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’ के तहत होने वाले संसद भवन का निर्माण नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि प्रोजेक्ट के तहत कोई कंस्ट्रक्शन, तोड़फोड़ या पेड़ काटने का काम तब तक नहीं होना चाहिए, जब तक कि पेंडिंग अर्जियों पर आखिरी फैसला न सुना दिया जाए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने नए संसद भवन परियोजना के उद्घाटन पर रोक नहीं लगाई। है। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा रूख अख्तियार करते हुए कहा कि आपने प्रेस रिलीज जारी कर निर्माण की तारीख तय की है। इसके शिलान्यास को लेकर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन निर्माण कार्य नहीं होगा। इससे पहले जानकारी देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को नए संसद भवन के निर्माण के लिए आधारशिला रखेंगे। बिरला ने ये भी जानकारी दी थी कि संसद का नया भवन 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में होगा और इसके निर्माण पर कुल 971 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।