सैप्टिक टैंक संचालक अवशिष्ट को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में डालने के लिये करवायें रजिस्ट्रेशन

खुले में डालने पर पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण एक्ट के अंतर्गत होगी कार्रवाई


जिला नगर आयुक्त डॉ. जेके आभीर ने कहा कि शहरी क्षेत्रों के तहत सैप्टिक टैंक तथा उससे निकलने वाले अवशिष्ट को टैंकर चालकों व मालिकों द्वारा जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में ले जाकर डाला जाए तथा उसको वहां पर एसटीपी रिकार्ड में दर्ज करवाकर रसीद लें। बाहर खुले में इस अवशिष्ट को ना फैंका जाए अन्यथा चालान काटते हुए पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण एक्ट, 1986 के तहत ऐसे टैंकर मालिकों के विरुद्घ जुर्माना लगाते हुए एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकती है। इससे पूर्व टैंकरो के माध्यम से इस अवशिष्ट को रेलवे लाईन, सडक़ किनारे एवं एकांत की जगह में डाल दिया जाता था। जिससे आमजन परेशान होते थे। उन्होंने इस बारे मेें कार्यकारी अभियन्ता, एचएसवीपी, पालिका अभियन्ता, नगर निकाय, कार्यकारी अभियन्ता,एसडीओ जन स्वास्थय विभाग तथा क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की कमेटी बनाई गई है जो संबंधित समस्याओं का समाधान करेगी तथा चालान आदि के बारे में कार्यवाही करेगी। ऐसे में सभी सैप्टिक टैंक से सीवरेेज उठाने वाले टैंकर मालिक संबंधित नगर निकायों में अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें अन्यथा उनके चालान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक नगर परिषद नारनौल में 4 ऐसे टैंकर रजिस्टर्ड हुए हैं। कनीना, महेंद्रगढ, नांगल चौधरी व अटेली के लिये रजिसट्रेशन नहीं हुये हैं। टैंकर मालिक किसी भी एसटीपी पर रजिस्ट्रेशन के बाद सीवरेज खाली कर सकते हैं। कनीना नगरपालिका के चेयरमैन सतीश जेलदार व सचिव प्रदीप कुमार ने कहा कि स्वच्छता को बनाय रखने की दिशा में ये कदम उठाये गये हैं। आदेशों की अवहेलना करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

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