सैल्यूट: आइए डीएसपी राजेश कुमार चेची के लिए तालियां बजाए, ठंड में ठिठुरती महिला को देखा तो दौड़ कर पहना दी अपनी जैकेट

आमतौर पर खाकी वरदी वाले इंसान से यह उम्मीद करना बहुत मुश्किल होता है कि उसका दिल हर समय इंसानियत और मानवता के लिए हिलोरे मारता रहे। इसकी वजह भी साफ है पुलिस अधिकारियों का रोज सामना असामाजिक तत्वों से रहता है। लिहाजा उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए कानून के अलग अलग रास्तों से होकर आना पड़ता है। इसलिए उनका दिलो दिमाग मानवीय दृष्टिकोण से आमजन से ज्यादा कठोर माना जाता है। लेकिन  बावल हैडक्वार्टर के डीएसपी राजेश कुमार चेची लगातार इस धारणा को लगातार गलत साबित करते जा रहे हैं। किसान आंदोलन के तहत शुक्रवार शाम को दिल्ली-जयुपर नेशनल हाइवे पर धरने पर बैठे किसानों से मिलने के बाद वापस लौट रहे राजेश कुमार चेची की नजर एक महिला पर पड़ी जो ठंड से ठिठुर रही थी। उन्होंने अपनी गाड़ी वहीं रूकवाई और तुरंत अपनी सर्दी वाली पुलिस की जैकेट उतारकर उसे पहना दी। दूर से नजारा देख रहे एक युवक ने संवेदनशील और भावुक करने वाली घटना को अपने मोबाइल में उतार लिया। इससे पहले भी राजेश चेची जिंदगी- मौत से जूझ रहे एक युवक को देर रात अपना खून देने के लिए अस्पताल पहुंच गए थे। समाज में इस तरह की सोच यह बताती है कि जीवन में पुलिस अधिकारी, इंजीनियर, आईएएस, विधायक, सांसद, मंत्री एवं महत्पपूर्ण पदों पर पहुंचना इतना मुश्किल नहीं है जितना रूटीन के जीवन में एक बेहतर इंसान बने रहना बहुत कठिन है। डीएसपी राजेश कुमार चेची इसी कठिन सोच को समय समय पर  एक बेहतर इंसान के तौर पर साबित करते आ रहे हैं जो सभी के लिए ना केवल प्रेरणा है साथ ही मानवता- इंसानियत का सबसे शानदार उदाहरण। रणघोष ग्रुप आपकी इसी सोच को शैल्यूट करता है। 

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