सोशल मीडिया बिचौलियों और ओटीटी पर जल्द कसेगा शिकंजा, आने वाली है नई गाइडलाइन

सोशल मीडिया पर बढ़ रही बिना तथ्यों के झूठी जानकारी और अफवाहों का दौर इन दिनों काफी देखने को मिला है। वहीं आपत्तिजनक कंटेंट भी सोशल मीडिया पर आए दिन तैरते रहते हैं। ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय सोशल मीडिया के नए नियमों को लेकर कमर कसने की तैयारी कर रहा हैं। केंद्र सरकार IT एक्ट में कुछ बदलाव करने पर विचार कर रही है, जिससे सोशल मीडिया बिचौलियों और ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्मों को अपने प्लेटफार्मों के माध्यम से साझा की जाने वाली सामग्री के लिए अधिक जवाबदेह बनाया जा सके।
आईटी मंत्रालय सोशल मीडिया के मध्यस्थों यानी बिचौलिए जैसे फेसबुक-ट्विटर, नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो जैसे ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्मों को बनाने के लिए आईटी अधिनियम में कुछ सेक्शन में बदलाव करना चाहता है। जो कंटेंट उनके प्लेटफार्मों के जरिए शेयर की गई। 12 फरवरी को आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा को बताया था कि सरकार सोशल मीडिया बिचौलियों को सरकार के निर्देशों के साथ-साथ अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने के लिए नए नियम लाने के लिए काम कर रही है।
एक अन्य महत्वपूर्ण बदलाव आईटी कंपनियों की धारा 79 में संशोधन करके ऑनलाइन कंपनियों को “अवैध रूप से ट्रेस करने, पता लगाने और रोकने के लिए गैरकानूनी सामग्री को उनके प्लेटफार्मों पर साझा करने से है। वहीं सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर के कानूनी निदेशक प्रशांत सुगनाथन के मुताबिक ट्रेसबिलिटी की आवश्यकता एन्क्रिप्शन को तोड़ देगी और नागरिकों की गोपनीयता के अधिकार और उनके संचार को सुरक्षित करने की उनकी क्षमता को प्रभावित करेगी। यह प्रावधान सूचनात्मक गोपनीयता का उल्लंघन है, जिसे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी गई है।
दूसरी तरफ सूत्रों हितधारकों ने इस संशोधन के बारे में चिंता नहीं जताई है, उन्होंने सरकार से कहा है कि वे यहां कोई भी दंडात्मक प्रावधान न रखें। जानकारी के मुताबिक इसे लेकर केंद्र सरकार एक शिकायत पोर्टल भी जारी करेगा। जिसको लेकर लोग सोशल मीडिया पर आने वाले आपत्तिजनक पोस्ट की सीधी शिकायत भी कर सकत हैं।