रणघोष अपडेट. हरियाणा. रेवाड़ी
हरियाणा में अब डीएलएड- जेबीटी कोर्स बंद करने की चल पड़ी तैयारियों के मद्देनजर सेल्फ फाइनेंस प्राइवेट कॉलेजों में रोष फैल गया है। इन कॉलेजों की बनी हरियाणा सेल्फ फाइनेंस प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन ने इसे तुगलगी व गैर कानूनी फरमान बताते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है जिसमें हरियाणा सरकार के साथ साथ एनटीएसई को भी पार्टी बनाया गया है।
एसोसिएशन से मिली जानकारी के मुताबिक हरियाणा में 395 डीएलएड- जेबीटी कोर्स के लिए कॉलेज खुले हुए हैं। नवंबर 2022 में हरियाणा सरकार ने पत्र जारी कर इस कोर्स को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी जबकि नियमानुसार वह उसके दायरे में नहीं आता। राष्ट्रीय स्तर की एनटीएसई बॉडी के अंतर्गत इन पाठ्यक्रमों को बंद करने या शुरू करने का प्रावधान है जिसमें लिया गया निर्णय पूरे देश में लागू होता है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सतीश खोला ने बताया कि एनटीएसई के एक अधिकारी ने नासमझी का परिचय देते हुए हरियाणा सरकार से प्राप्त पत्र पर अपनी स्वीकृति देते हुए बिना किसी कॉलेज को कारण बताओ नोटिस दिए इस कोर्स को बंद करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया जबकि एनटीएसई के प्रस्ताव में यह उल्लेखित है कि कोई भी निर्णय लेने से पहले कारण बताओ नोटिस जारी करना अनिवार्य है। इस मामले में हरियाणा सरकार एवं एनटीएसई के अधिकारी बहुत बड़ी गलती कर गए। इसके खिलाफ एसोसिएशन दिल्ली हाईकोर्ट में केस डाल रही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी इस तरह की गलतियां की गई थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट के हवाले से नालंदा कॉलेज आफ एजुकेशन उत्तराखंड मामले में रिपब्लकिेशेन विड्रा करनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार के इस निर्णय से हजारों युवा शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे। डीएलएड कॉलेज चलाने वाले बर्बाद होकर सड़क पर आ जाएंगे। सरकार को अपना यह निर्णय तुरंत प्रभाव से वापस लेना चाहिए।