उत्तराखंड: बीजेपी बहुमत के आंकड़े से आगे, कांग्रेस रह गई पीछे

रणघोष अपडेट. देशभर से


उत्तराखंड में अब तक के चुनावी रुझानों में बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लिया है। जबकि कांग्रेस पीछे रह गई है। कुछ सीटों पर अन्य उम्मीदवार भी आगे हैं। उत्तराखंड में विधानसभा की 70 सीटें हैं और इस लिहाज से सरकार बनाने के लिए 36 विधायक चाहिए।चुनाव नतीजे पूरी तरह साफ होने के बाद पता चलेगा कि आम आदमी पार्टी और और बीएसपी ने किसे नुकसान पहुंचाया है। क्योंकि इन दोनों दलों ने भी कई सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों को खड़ा किया था।

बीजेपी ने जिस तरह कुछ महीनों के अंदर लगातार मुख्यमंत्रियों को बदला था उससे ऐसा लग रहा था कि उसके लिए इस चुनाव में जीत हासिल करना बेहद मुश्किल होगा। लेकिन अभी तक वह बहुमत के आंकड़े से लगातार आगे चल रही है।अब तक के रुझानों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट से पीछे चल रहे हैं जबकि कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लालकुआं सीट से काफी पीछे हो गए हैं।उत्तराखंड के कई एग्जिट पोल भी बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर की बात कह रहे थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 11 सीटें मिली थी जबकि बीजेपी ने 57 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार कांग्रेस पिछले प्रदर्शन से आगे आती दिख रही है।राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक कांग्रेस को राज्य इकाई में गुटबाजी की वजह से नुकसान झेलना पड़ा है। कांग्रेस में एक धड़ा हरीश रावत का है तो दूसरा पार्टी के बाकी नेताओं का। हरीश रावत के समर्थक पिछले 1 साल से उनके नेता को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग कर रहे थे। लेकिन नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का गुट सामूहिक नेतृत्व में चुनाव में जाने की बात कहता रहा। इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव भी हरीश रावत के समर्थकों के निशाने पर रहे। चुनाव से ठीक पहले हरीश रावत ने अपनी नाराजगी खुलकर जताई तो हाईकमान ने दखल दिया लेकिन फिर भी हरीश रावत को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाया।