झारखंड के ‘करोड़पति’ नौकर ने सभी को दंग कर दिया है। महज 15 हजार की सैलरी वाले जहांगीर के फ्लैट से नोटों का पहाड़ मिला है। सोमवार देर रात तक कैश की गिनती हुई। इस दौरान नोट गिनने वाली कई मशीनें गरमा गईं। उसके घर से 32 करोड़ रुपए से ज्यादा पैसे मिले हैं। ईडी ने दावा किया है कि यह कैश कमीशन का पैसा है जिसे मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल ने जहांगीर के फ्लैट में रखा था। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर एक नौकर और एक मंत्री के निजी सचिव का रिश्ता इतना खास कैसे हो गया? दरअसल, जहांगीर पहले मेडिकल लाइन में एमआर की नौकरी करता था। जहांगीर और संजीव एक-दूसरे को करीब 15 सालों से जानते हैं। आइए जानते हैं नौकर और निजी सचिव की दोस्ती की पूरी कहानी…
पहले एमआर का करता था काम
रांची के गाड़ीखाना के सर सैयद रेसीडेंसी अपार्टमेंट में जिस जहांगीर के आवास से ईडी ने करोड़ों रुपए बरामद किये हैं, वह मूलत चतरा के लाइन मुहल्ला के अखाड़ा गली का रहने वाला है। जहांगीर के पिता एकराम मियां चतरा कोर्ट में ताइद का काम करते थे। पांच भाइयों में चौथे नंबर पर जहांगीर शुरू में मेडिकल लाइन से जुड़कर एमआर का काम करता था। दो तीन साल तक जहांगीर ने एमआर का ही काम किया।
फिर संजीव लाल से संपर्क
इसके बाद वह चतरा जिले के पत्थलगड्डा प्रखंड में साल 2009 में बीडीओ बनकर आए संजीव कुमार लाल के संपर्क में आया। तब से वह संजीव लाल के लिए ही काम कर रहा था। यानी दोनों एक दूसरे को करीब 15 सालों से जानते हैं। इस दौरान जहांगीर यहां बीडीओ संजीव लाल के साथ मिलकर प्रखंड स्तर पर संचालित कई योजनाओं में लोगों को काम दिलवाता रहा। संजीव लाल पत्थलगड्डा में 6 मार्च 2009 से 6 जनवरी 2011 तक पदस्थापित रहे। यहां से संजीव लाल का तबादला चक्रधरपुर हो गया। इसके बाद संजीव लाल जहांगीर को अपने साथ चक्रधरपुर लेकर चले गए। यहां भी वह उनके लिए काम करता रहा।
ऐसे बना ‘करोड़पति’ नौकर
संजीव लाल के कारण ही जहांगीर की नजदीकियां मंत्री आलमगीर आलम के साथ भी बढ़ी थी। लोगों ने बताया कि जहांगीर की शादी जामताड़ा में होने के कारण ससुराली रिश्ते से भी वह आलमगीर आलम के संपर्क में रहता था। जहांगीर और आलमगीर आलम दोनों अलग-अलग जाति के हैं। इस कारण मंत्री के साथ कोई पारिवारिक संबंध नहीं है। जहांगीर चतरा अपने आवास पर पर्व, त्यौहार या कोई विशेष परिस्थिति में एक दो दिन के लिए ही आता था। पिछले 4 सालों से जहांगीर रांची के उक्त अपार्टमेंट में रह रहा था। इसी फ्लैट में ईडी को नोटों का पहाड़ मिला है।