कोविड ड्यूटी के लिए शिक्षकों की लगाई गई ड्यूटी का किया बहिष्कार

हरियाणा शिक्षा विभाग के द्वारा विद्यालयों में कार्यरत विज्ञान अध्यापक व प्रवक्ताओं की कोरोना  में ड्यूटी लगाई जा रही है।  जिन्हें  ऑनलाइन ट्रेनिगं देने का काम स्वास्थ्य  विभाग को सौपा गया है। हजरस के पूर्व व फैडरेशन के वर्तमान जिला प्रधान आरपी सिंह दहिया ,राज्य वरिष्ठ उपप्रधान भगत सिंह साम्भरिया , हजरस के जिला प्रधान रमेश अहरोदिया , पूर्व प्रदेश सचिव होशियार सिंह बिहागरा  ने अपने संगठनो के माध्यम से कोरोना में शिक्षको की लगाई जाने वाली ड्यूटी का विरोध किया । सरकार को चाहिए कि सबसे पहले कर्मचारियों का वैक्सीनेशन किया जाए और उसके बाद निर्धारित समय के बाद दूसरी डोज भी लगाई जाए और जो मेडिकल गाइडलाइंस के अनुसार जितने दिन में एंटीबॉडीज बन जाते हैं उसके बाद ही कार्य पर लगाया जाए। बिना वेक्सिनेशन के प्राध्यापक/अध्यापक साथियों को ऐसी ड्यूटी पर भेजना उनकी जान से खिलवाड़ करना है। इसके अलावा परिवहन विभाग में भी रोडवेज के चालक व परिचालक इस एमरजेंसी डयूटी कर रहे हैं ।लेकिन विभाग द्वारा किसी भी चालक, परिचालक को सुरक्षा के लिए कोई भी सुविधा नही दी जा रही है।जबकि कोरोना संक्रमित होने का भय बना रहता हैं।काम मे आने वाली जरूरत की सभी वस्तुएं जैसे मास्क ,सेनेटाइजर, गलाउज आदि उपलब्ध कराए जाए ।        इसके साथ-साथ अगर किसी कर्मचारी को कोरोना हो जाता है तो विभाग अपने स्तर पर कैशलेस पालिसी के अंतर्गत उसका इलाज करवाएं। यदि इस दौरान कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसे एक करोड़ की मुआवजा राशि प्रदान की जाए ,और परिवार में से किसी एक सदस्य को नौकरी दी जाए। एनपीएस कर्मचारी को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए। पहले ही आजकल बहुत से शिक्षको के निधन व संक्रमित होने की सूचनाएं मिल रही है ।  अतः हरियाणा सरकार से  इन आदेशों को  वापस लेने की पुरजोर अपील की जाती है ।