घर बैठे बेरोजागरों को म‍िलेंगे 3000 रुपये, बस आपका इतना पढ़ा ल‍िखा होना जरूरी और…

भले ही देश तेजी से आर्थिक रूप से संपन्‍न होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है लेकिन इसके बावजूद इतनी बड़ी आबादी होने के कारण भारत में बेरोजगार युवाओं की भी कमी नही है. बड़ी-बड़ी डिग्री हाथ में होने के बावजूद युवाओं को कई राज्‍यों में नौकरी नहीं मिल पाती है. कर्नाटक सरकार ने ऐसे युवाओं की मदद से लिए एक योजना की शुरुआत की है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को “युवा निधि” योजना की शुरुआत की, जिसके तहत अभी केवल प्रतीकात्मक रूप से योजना शुरू करने के लिए छह लाभार्थियों को चेक सौंपे गए. इस योजना की खास बात यह है कि उन ग्रेजुएट और डिप्लोमा धारकों को, जो शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में उत्तीर्ण हुए और अपनी शिक्षा पूरी होने के 180 दिन बाद भी बेरोजगार हैं, सरकार से वजीफा (स्‍कॉलरशिप) प्राप्‍त कर सकेंगे.

यह वजीफा केवल दो साल के लिए दिया जाएगा और लाभार्थी को नौकरी मिलने के तुरंत बाद यह समाप्त हो जाएगा. जिन लोगों ने उच्च शिक्षा और निरंतर अध्ययन के लिए नामांकन किया है, वे योजना के तहत पात्र नहीं हैं. राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए ₹250 करोड़ निर्धारित किए हैं. उसे उम्मीद है कि अगले साल राज्य के खजाने पर ₹1,200 करोड़ और 2026 से सालाना ₹1,500 करोड़ का खर्च आएगा. कांग्रेस सरकार पहले ही चार गारंटी शुरू कर चुकी है.

क्‍या है सरकार की 4 गारंटी?
कर्नाटक  सरकार ‘शक्ति’ गारंटी के तहत राज्‍य की महिलाओं को गैर लग्जरी सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दे रही है. ‘अन्न भाग्य’ गारंटी के तहत बीपीएल परिवारों को 10 किलो चावल की पेशकश की जा रही है. वहीं, ‘गृह ज्योति’ गारंटी योजना का मकसद 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देना है. ‘गृह लक्ष्मी’ एपीएल/बीपीएल राशन कार्ड वाले परिवारों की महिला मुखियाओं को प्रति माह ₹2,000 दे रही है.

सीएम ने क्‍या कहा?
कर्नाटक के सीएम  सिद्धारमैया ने कहा, ‘हम लाभार्थियों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करेंगे. इस योजना की अवधि दो वर्ष है. अगर उन्हें कोई नौकरी मिल भी गई, चाहे वह निजी हो या सरकारी, तुरंत लाभ मिलना बंद हो जाएगा. कौशल विकास विभाग तय करेगा कि कौन सा प्रशिक्षण दिया जाना है.’