प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लक्षद्वीप के समंंदर में गोता लगाया और लोगों से वहां जाने की अपील की. उनकी तस्वीरों को देखकर मालदीव के मंत्रियों को ऐसी मिर्ची लगी कि उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक बयान तक दे डाले. नतीजा, भारत में #BycottMaldives ट्रेंड करने लगा. दशहत में आए मालदीव सरकार ने उन मंत्रियों-नेताओं को सस्पेंड कर दिया. फिर भी लोगों का गुस्सा थम नहीं रहा. सचिन तेंदुलकर, अक्षय कुमार, कंगना रनौत, सुरेश रैना, समेत कई सेलिब्रिटिज ने इंडिया फर्स्ट की बात की. मालदीव आज भी लोगों के गुस्से का शिकार हो रहा है. लेकिन क्या आपको पता है कि मालदीव में एक बार समुद्र के अंदर कैबिनेट की मीटिंग हुई थी. पूरी सरकार 30 मिनट तक में पानी में रहे. वजह जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.
बात अक्तूबर 2009 की है. बढ़ते वैश्विक तापमान के कारण मालदीव जैसे राष्ट्रों के लिए अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है. इनके डूबने का खतरा है. क्योंकि मालदीव का अधिकतर हिस्सा समुद्र की सतह से महज एक मीटर ऊपर है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि वर्ष 2100 तक यह देश समुद्र में समा सकता है. खतरा इतना बड़ा है कि हर साल इसका कुछ न कुछ हिस्सा समुद्र के पानी में समाता जा रहा है. ज्यादा तापमान बढ़ने की स्थिति में बर्फ पिघलने से संकट और बढ़ता जाएगा. इससे खुद को बचाने और दुनिया को इस संकट के बारे में चेताने के लिए वहां की सरकार ने अदृभुत फैसला किया था. 19 अक्टूबर, 2009 को मालद्वीव की पूरी सरकार ने समुद्र में पानी के अंदर मीटिंग की थी. मीटिंग 30 मिनट तक चली थी.
समुद्र में 15 फुट नीचे हुई थी कैबिनेट बैठक
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की अध्यक्षता में हुई इस कैबिनेट मीटिंग में 11 मंत्री और कैबिनेट सेक्रेटरी भी शामिल हुए थे. बैठक पानी में 15 फुट नीचे हुई जिसके लिए सभी मंत्री गोता लगाकर समुद्र में उतरे. सबने एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए जिसमें दुनिया के सभी देशों से खतरनाक गैसों के उत्सर्जन में कटौती करने की मांग की गई. उस वक्त वायरल हुए वीडियोज में सभी नेताओं ने काले रंग डाइविंग सूट और मास्क पहने हुए देखा जा सकता था.
गोताखोरों के साथ गए थे सभी मंत्री
राष्ट्रपति और मंत्रियों के बैठने के लिए टेबल की व्यवस्था की गई थी. राष्ट्रपति समेत सभी मंत्रियों के चारों ओर मछलियों को तैरते हुए भी देखा गया था. मंत्रियों-राष्ट्रपति ने पानी के भीतर हाथ के इशारों से बात की और वाटरप्रूफ बोर्ड पर न मिटने वाली स्याही से टिप्पणी लिखी गईं. सरकार ने कहा, खतरे की कोई बात नहीं थी. क्योंकि हर मंत्री को एक कुशल गोताखोर के साथ भेजा गया था. मालदीव में शार्क भी बहुत आक्रामक नहीं होतीं, इसलिए उनके हमले का भी डर नहीं था; राष्ट्रपति नशीद खुद भी एक कुशल गोताखोर रहे हैं. यह दुनिया का पहला मामला था, जब समुद्र के अंदर कैबिनेट मीटिंग हुई थी.