तमिलनाडु में 100 साल बाद दलितों की मंदिर में हुई एंट्री, पुलिस की कड़ी सुरक्षा में की पूजा

तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले में आज ऐतिहासिक कदम उठाया गया. यहां 100 साल बाद दलितों ने एक मंदिर में प्रवेश किया है. यह चेलांगुप्पम गांव के मरियम्मन मंदिर की कहानी है. यहां कई दलित परिवारों ने पहली बार इस मंदिर में प्रवेश किया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक लोगों ने पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच मंदिर में प्रवेश किया.
पुलिस ने कहा कि दूसरे समुदाय के लोगों ने अब तक कोई विरोध दर्ज नहीं कराया है. गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. इस मंदिर में प्रवेश को लेकर जुलाई से आंदोलन चल रहा था जब दो युवाओं के बीच झड़प हुई. जिसके कारण दलितों और वन्नियारों समुदायों के बीच लड़ाई शुरू हो गई थी. एक दलित और एक वन्नियार, उसी स्कूल में पढ़े थे और फिर नौकरी के लिए चेन्नई चले गए. दलित युवक ने सोशल मीडिया पर दलितों के मंदिर में प्रवेश के अधिकार को लेकर बहस की और जब वे दोनों गांव में मिले तो उनमें मारपीट हो गई.
इसके बाद, दलितों ने जिला राजस्व और पुलिस अधिकारियों को याचिका दायर कर उन्हें मंदिर में प्रवेश करने देने का आग्रह किया. उन्होंने घोषणा की कि वे बुधवार को मंदिर में प्रवेश करेंगे, जिसके बाद डीआइजी (वेल्लोर रेंज) एमएस मुथुसामी के नेतृत्व में एक बड़ी पुलिस टुकड़ी गांव में तैनात की गई. यहां के लोगों का मानना है कि मंदिर में नवविवाहित लोगों के प्रार्थना करने और पोंगल मनाने से वह सब मिलेगा जो वे चाहते हैं.
दलितों का कहना है कि हमें वहां (मंदिर) कभी जाने नहीं दिया गया. एक 50 वर्षीय दलित महिला ने कहा, ‘हम आज खुश हैं कि जिले के अधिकारियों ने हमें मंदिर में प्रवेश करने, प्रार्थना करने, पोंगल पकाने और हमारी मन्नतें पूरी करने में मदद की.’ अब तक दलित कलियाम्मल मंदिर में पूजा करते रहे हैं, जिसे उन्होंने 30 साल पहले गांव में बनाया था.

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