दिल्ली में ठंड के तेवर हुए कम, खिली धूप से वसंत का आनंद ले रहे लोग; IMD ने बताया आज के मौसम का हाल

राजधानी में वसंत पंचमी के दिन यानी बुधवार को दिनभर खिली हुई धूप निकलने के कारण अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। मौसम विभाग के अनुसार, अभी इसमें और बढ़ोतरी की संभावना है। गुरुवार को दिन में आसमान साफ रह सकता है। वायुमंडल की निचली सतह पर मौजूद हल्के बादलों और लगातार चलने वाले कोहरे के चलते लोगों को इस बार कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ा। लेकिन, अब दिनभर खिली हुई धूप निकल रही है और लोग वसंत के मौसम का आनंद लेने लगे हैं।

दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में बुधवार सुबह हल्का कोहरा देखने को मिला, जोकि दिन चढ़ने के साथ ही साफ हो गया। सुबह करीब आठ बजे तक ज्यादातर जगहों पर धूप निकल आई। दिनभर तेज धूप निकली रहने से अधिकतम तापमान में इजाफा हुआ। दिल्ली की मानक वेधशाला सफदरजंग में दिन का अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जोकि सामान्य से दो डिग्री ज्यादा है। न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जोकि सामान्य एक डिग्री कम था। यहां पर आर्द्रता का स्तर 97 से 45 फीसदी तक रहा।

इस सीजन में बुधवार को पहली बार अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस पहुंचा है। इससे पहले 12 फरवरी को अधिकतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विभाग का अनुमान है कि गुरुवार को अधिकतम तापमान 25 डिग्री और न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस रहेगा। सुबह हल्के से मध्यम स्तर का कोहरा देखने को मिल सकता है। गुरुवार को दिन में आसमान साफ रहेगा।

दो दिन तक हवा की गुणवत्ता खराब रहने की आशंका

राजधानी के लोगों को प्रदूषित हवा से राहत मिलती नहीं दिख रही है। बुधवार को दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषक कणों का औसत स्तर मानकों से तीन गुना ज्यादा रहा। हवा की रफ्तार कम होने के चलते अगले दो दिन के दौरान हवा की गुणवत्ता खराब रहने के आसार हैं। मौसम के अलग-अलग कारकों की वजह से सर्दी के इस सीजन में दिल्ली के लोगों को प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है।

लगातार चौथे दिन दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में रहा। सीपीसीबी के मुताबिक, बुधवार को दिल्ली का सूचकांक 341 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। मंगलवार को यह सूचकांक 342 के अंक पर रहा था। वहीं, मानकों के मुताबिक, हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से कम और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है।

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