आपको अब तक अगर यही पता था कि धरती का सिर्फ एक चांद है तो अपनी जानकारी को बेहतर कर लीजिए. दरअसल, वैज्ञानिकों को फरवरी 2020 के बाद मार्च 2023 में धरती का एक और चांद मिल गया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, उन्होंने एक एस्टेरॉयड एफडब्ल्यू-13 को खोजा है. इसे क्वासी मून माना जाता है. ये क्वासी मून धरती और सूर्य दोनों का चक्कर लगाता है. इसलिए वैज्ञानिक इसे धरती का दूसरा चांद कह रहे हैं. पैन स्टार्स (Pan-STARRS) ने इस क्वासी मून का सबसे पहले पता लगाया था. बाद में कनाडा फ्रांस हवाई टेलीस्कोप और अमेरिका के एरिजोना की दो आब्जर्वेटरीज ने भी इसकी पुष्टि कर दी.
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ये क्वासी मून 50 फीट (15 मीटर) का है. इंटरनेशन एस्ट्रॉनॉमिकल यूनियन ने 1 अप्रैल को इसे आधिकारिक तौर माइनर प्लैनेट सेंटर में सूचीबद्ध कर दिया. ये यूनियन वैज्ञानिकों की एक टीम है, जो नए ग्रहों और दूसरे आकाशीय पिंड का नाम रखती है. बता दें कि एफडब्ल्यू-13 धरती का अकेला क्वासी मून नहीं है. साल 2016 में भी एक अन्य क्वासी मून कामो-ओलेवा को खोजा गया था. इसके बाद फरवरी 2020 में भी एक कार के बराबर बड़े धरती के अस्थायी चांद को भी खोजा गया था.
क्या धरती से टकरा सकता है क्वासी चांद?
लाइव सांइस की एक रिपोर्ट का कहना है कि मार्च 2023 में खोजा गया क्वासी मून 2100 साल से धरती के करीब चक्कर लगा रहा था. यही नहीं, ये क्वासी मून अभी 1500 साल तक धरती का चक्कर लगाता रहेगा. इसके बाद ये पृथ्वी की कक्षा से दूर चला जाएगा. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस क्वसी मून से हमारे ग्रह को किसी तरह का खतरा नहीं है. उन्होंने साफ किया है कि क्वासी मून धरती के काफी करीब होने के बाद भी हमारे ग्रह से टकराव के रास्ते पर चक्कर नहीं लगा रहा है.
सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से बंधा है क्वासी मून
एक स्टडी के मुताबिक, ये क्वासी मून धरती के चांद का टुकड़ा भी हो सकता है. वैज्ञानिकों ने बताया है कि ये क्वासी मून जिस कक्षा में चक्कर लगा रहा है, उसके आधे रास्ते में मंगल और आधे में शुक्र ग्रह हैं. क्वासी मून एफडब्ल्यू-13 सूर्य के चक्कर उतने ही समय में लगाता है, जितने समय में पृथ्वी लगाती है. साथ ही ये पृथ्वी का चक्कर भी लगाता रहता है. ये क्वासी मून धरती के बजाय सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से बंधा हुआ है. इसी वजह से सूर्य इसे अपनी ओर खींच रहा है. इसीलिए इसे क्वासी कहा जाता है. वहीं, चंद्रमा पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बंधा होता है.
छोटी कार के आकार का एक और चांद
धूमकेतु और क्षुद्रग्रह की खोज करने वाली अमेरिकी संस्था ‘कैटालिना स्काई सर्वे’ ने फरवरी 2020 को अंतरिक्ष में एक ऑब्जेक्ट की खोज की, जो करीब तीन साल से पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बंधा हुआ था. वैज्ञानिकों ने इसे 2020 सीडी-3 नाम दिया. दरअसल, 19 फरवरी 2020 को ‘कैटालिना स्काई सर्वे’ के खगोलविदों ने एक धीमी चीज को पृथ्वी के करीब घूमते हुए देखा. ये आकार में चंद्रमा से छोटा थी. इसी चीज को तब दुनिया भर की छह दूसरी वेधशालाओं के शोधकर्ताओं ने भी देखा था. शोधकर्ताओं का कहना था कि इसे मिनीमून माना जा सकता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, शायद अस्थायी मिनीमून 1.9 मीटर और 3.5 मीटर के बीच का है, जो करीब-करीब एक छोटे आकार की कार के बराबर है.
पहले भी मिले हैं धरती के अस्थायी चांद
‘कैटालिना स्काई सर्वे’ के खगोलविद् कैस्पर विर्कोज ने 19 फरवरी 2020 की रात ट्वीट किया, ‘मैंने और मेरे कैटालिना स्काई सर्विस टीम के साथी टेडी प्रुयने ने 20वें मैग्नीट्यूड का एक ऑब्जेक्ट खोजा है.’ इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन मिरर प्लेनेट सेंटर ने अपनी आधिकारिक रिलीज में कहा था, ‘ये ऑब्जेक्ट अस्थायी रूप से पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बंधा हुआ है. इस दौरान सौर विकिरण दबाव के कारण गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला. हमें एक ज्ञात कृत्रिम वस्तु का कोई लिंक भी नहीं मिला है.’ इसके पहले साल 2006 में आरएच-120 नाम से पृथ्वी के अस्थायी चंद्रमा का भी पता चला था. हालांकि, ये जून 2007 तक पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के भीतर रहने के बाद अलग हो गया.