बिना शोर मचाने वाला मतदाता करेगा हार-जीत का फैसला, आज की रात चलेगा वोटों को इधर उधर करने का खेल

 रणघोष खास. पूनम यादव

मतदान से पहले की रात पार्षदी और चेयरमैन की कुर्सी के लिए चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के लिए बेचैनी भरी और शायद सबसे मुश्किल रात होगी।चुनावी प्रचार थम चुका है लेकिन यही वो वक़्त है जब दावेदारों में एक दूसरे के वोट बैंक में सेंध लगाने का काम होगा।बहुत से मतदाता अपना मन बना चुके होंगे कि उन्हें किसे वोट देना है लेकिन बहुत से ऐसे भी वोटर हैं जिन्होंने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं।ऐसे लोगों को अपने खेमे में लाने का काम आज की रात ही किया जाएगा।कहने को तो चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशी अपने प्रचार अभियान को समाप्त कर चुके हैं लेकिन असली अभियान आज रात ही चलेगा जिसका असर कल होने वाले मतदान के परिणाम को निर्धारित करेगा। पहली बार नगर परिषद के चेयरमैन पद के लिए हो रहे सीधे चुनाव ने शहर के माहौल को गरमा दिया है।लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत यानि आम मतदाता 27 दिसंबर को अपना फैसला सुना देगा।सभी ने पूरे दमखम के साथ अपना प्रचार किया है और सभी अपनी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त भी नजर आ रहे हैं। जहां  बीजेपी ने प्रत्याशी पूनम यादव के लिए अपने दिग्गज नेताओं को भेजकर चुनावी समर में अपनी एकजुटता दिखाई है वहीं कांग्रेस ने भी अपने प्रत्याशी विक्रम यादव को जिताने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।उपमा यादव भी रणधीर सिंह का पूरा साथ मिलने के कारण अब मजबूत नजर आ रही है।निर्मला राव को उनके पति विजय राव के अनुभव का लाभ मिलता दिखाई दे रहा है।चुनावी प्रचार तो सभी ने बहुत बढ़िया किया है लेकिन जीत उसी को मिलेगी जिसे मौन मतदाता अपना वोट देगा।इस पड़ाव पर आकर आज की रात सबके मन में रामायण धारावाहिक के गाने की पंक्तियां यही रात अंतिम यही रात भारी।बस एक रात की ये कहानी है सारी”गूंज रही होंगी।30 तारीख को परिणाम घोषित होते ही शहर की नगर परिषद को अपनी नई चेयरमैन मिल जाएगी और उसके बाद जीतने वाले के समर्थकों के बीच जश्न का माहौल होगा वहीं हारने वाले प्रत्याशियों द्वारा हार के कारणों को लेकर गहन मंथन शुरू हो जाएगा।

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