रणघोष खास : अपने नाम के साथ लगाया ‘योगी’ उत्तर प्रदेश

-कैसे दो लोगों ने कैसे बीजेपी  पदाधिकारी समेत 90 को ठगा


हर्ष चौहान और केदार नाथ ने पिछले साल आधिकारिक तौर पर अपना नाम बदलकर योगी हर्षऔर योगी केदार नाथकर लिया. दोनों ने एक सरकारी पोर्टल पर योगी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडियाको भी रजिस्टर्ड कराया.


 रणघोष खास. शिखा सलारिया.लखनऊ.  साभार दी प्रिंट

भगवा कपड़े और धूप का चश्मा लगाए दो व्यक्तियों ने आधिकारिक तौर पर अपने नाम के पहले ‘योगी’ लगा लिया और उनमें से एक ने यह भी दावा किया कि वो उत्तर प्रदेश के अगला मुख्यमंत्री होगा. हर्ष चौहान और केदार नाथ अग्रहरि ने पिछले साल अपना नाम बदलकर योगी हर्षऔर योगी केदार नाथ कर लिया था. फिर दोनों ने कथित तौर पर राज्य सरकार के पोर्टल पर ‘योगी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया’ नाम से एक फर्ज़ी एमएसएमई रजिस्टर्ड कराया और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक पदाधिकारी सहित करीब कम से कम 90 लोगों को धोखा देकर लाखों रुपये जमा कर लिए.अपने लक्ष्य निर्धारित करने के बाद वो पीड़ितों को अपने उद्यम का क्षेत्रीय प्रमुख बनाने का वादा करते थे, या पैसे के बदले में उन्हें सरकार से संबंधित कोई भी काम करवाने का आश्वासन देते थे.उन्होंने यहां तक दावा किया गया कि ‘योगी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया’ द्वारा किए गए सभी कार्यों की निगरानी “सीएम द्वारा की जाती थी”.

चौहान और अग्रहरि को भाजपा की कानपुर मंडल सचिव रंजना सिंह की शिकायत पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज़ होने के दो दिन बाद रविवार को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें उद्यम का जिला प्रभारी बनाने के बहाने कथित तौर पर 1,100 रुपये की ठगी की गई थी.दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान वसीयत, सुरक्षा आदि की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 469 (किसी पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक को असली के रूप में उपयोग करना), 504 (शांति भड़काने के लिए जानबूझकर अपमान), 506 (आपराधिक धमकी) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत गोरखपुर के कैंट थाने में एफआईआर दर्ज़ की गई थी.आरोपियों के पास से बरामद ‘योगी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के आईडी कार्ड’ पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गुरु गोरखनाथ की तस्वीरें थीं. उनके पास ‘योगी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया’ का भारत सरकार का रजिस्ट्रेशन नंबर भी था.गोरखपुर पुलिस के मुताबिक, आरोपी का ‘योगी ग्रुप’ नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप भी था, जिसमें बीजेपी कार्यकर्ताओं समेत एक हज़ार से ज्यादा लोग मेंबर थे. इस ग्रुप में आरोपी कथित तौर पर सदस्यों से अपनी सरकार से संबंधित शिकायतें दर्ज़ करने के लिए कहते थे और पैसे के बदले में उनका हल देने का वादा किया करते थे. उन्होंने लोगों को उनके साप्ताहिक जनता दरबार में आदित्यनाथ से मिलने में मदद करने का भी दावा किया.दिप्रिंट से बात करते हुए गोरखपुर के पुलिस अधीक्षक (शहर) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि आरोपी जनता के उन सदस्यों से आवेदन लेते थे जो ऐसी बैठकों में शामिल होना चाहते थे और उनके कब्जे से ऐसे 60 आवेदन बरामद किए गए.

 धोखेबाजों से मिलिए

पुलिस के अनुसार, मूल रूप से महाराजगंज और गाजियाबाद के रहने वाले केदार नाथ और हर्ष चौहान की पिछले साल लखनऊ में एक धार्मिक उपदेशक के माध्यम से मुलाकात हुई और इस साल अप्रैल में उन्होंने एमएसएमई शुरू किया.2022 में किसी समय उन्होंने इस आशय के एक नोटरीकृत दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने के बाद अपना नाम बदलकर ‘योगी हर्ष’ और ‘योगी केदार नाथ’ कर लिया था.योगी केदार नाथ का ‘योगी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया’आईडी कार्ड. ऐसे कई फर्ज़ी आईडी कार्ड पुलिस ने बरामद किए हैं। एसपी बिश्नोई ने कहा, “केदारनाथ ने अपने ही गांव में कई लोगों को धोखा दिया है. वो एक कथा वाचक को जानता था जिसने अपने एक कार्यक्रम के दौरान उसे हर्ष चौहान से मिलवाया था. हर्ष 12वीं तक पढ़ा हुआ है और गाजियाबाद में बैंक फ्रेंड के रूप में कार्यरत था. केदार नाथ आठवीं पास हैं. हर्ष ने उसे सुझाव दिया कि वो एक एमएसएमई शुरू करे और इसे रजिस्टर्ड कराए. उन्होंने सरकार के एमएसएमई पंजीकरण पोर्टल पर “योगी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया” को पंजीकृत करवाया और अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए लोगों से संपर्क करना शुरू किया.”उन्होंने बताया कि पुलिस को अब तक आरोपियों के दो बैंक खातों का पता चला है.एसपी ने कहा, “एक के पास कोई पैसा नहीं है, लेकिन दूसरा बैंक खाता है जिसमें 4-5 लाख रुपये का लेनदेन किया गया है.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *