रणघोष खुलासे का असर : हरियाणा के सीएम- मंत्रियों के फर्जी सर्टिफिकेट बनने से दो राज्यों में हलचल

  – खबर के बाद सीएम के फर्जी सर्टिफिकेट का आधिकारिक वेबसाइट से लिंक हटाया, रणघोष के पास विडियो


 –    रणघोष के बाद दैनिक भास्कर ने भी जानकारी जुटा खबर जारी की


    रणघोष की इस खबर के साथ लिंक किए विडियो से साबित हो जाएगा कैसे एक बड़ा गिरोह यह खेल कर रहा है


रणघोष खास. देशभर से


देशभर में एक गिरोह राष्ट्रीय एवं अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का रैकेट चला रहा है। दैनिक रणघोष पिछले दो दिनों से इसका खुलासा कर रहा है। दैनिक भास्कर ने भी 10 फरवरी शाम को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खटटर के फर्जी डेथ सर्टिफिकेट से जुड़ी खबर को अपनी साइट पर जारी किया। जिसमें उत्तर प्रदेश प्रशासन की तरफ से इस मामले की जांच कराने की बात कही गई है जबकि हरियाणा सीएमओ की तरफ कहा गया है कि सीएम के डेथ सर्टिफिकेट को लेकर हमारे पास कोई औपचारिक जानकारी नहीं आई है। हालांकि सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें आई हैं, लेकिन इनमें कोई सच्चाई नहीं होती। रणघोष का स्पष्ट कहना है कि इस तरह के फर्जी सर्टिफिकेट की सत्यता जानने के लिए प्रमाण पत्र में दिए क्यू बार कोड को स्कैन किया तो तो कंप्यूटर या स्मार्ट फोन सीधे भारत सरकार की जन्म मृत्यु पंजीकरण की साइट www.crsorgi.gov.in    पर चला गया जो की सीधे तौर पर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर से जुडी हुई है। यह साइट नागरिकता का एक अहम् दस्तावेज उपलब्ध करवाती है। दूसरे शब्दों में कहे तो यह नागरिकता की प्रमाणिकता साबित करती है। जहां इस प्रमाण पत्र की सॉफ्ट कॉपी मिलती है उस पर उल्लेखित क्यू बार कोड को स्कैन करने के साथ यह विश्वास भी कायम हो जाता है कि यह सरकारी वेबसाइट से आने वाला कागज सरकारी है…इसे बाहर नहीं बनाया गया है…और ये सरकार के सर्वर डोमेन में है.। यह कैसे संभव हो रहा है इसे जानना बहुत जरूरी है क्योंकि आमतौर पर एक आम नागरिक को विश्वास में लेकर ठगने के लिए इतनी चालाकी बहुत है।

इस जालसाजी खेल को समझने के लिए विडियो जरूर देखे

मीडिया में इस तरह का खुलासा  होने के बाद इस तरह का जाली सर्टिफिकेट बनाने वाला गिरोह अलर्ट होकर इन  साक्ष्यों को मिटाने में नहीं लग जाए इससे पहले रणघोष ने इस सर्टिफिकेट से जुड़ी एक विडियो बना ली है। जिसे इस खबर के साथ लिंक किया गया है ताकि पाठक इस तरह के गिरोह से पूरी तरह अलर्ट रहे। इस विडियो में दिखाया है कि कैसे फर्जी सर्टिफिकेट में उल्लेखित बार कोड को स्केन करने पर वह सीधे आधिकारिक वेबसाइट  www.crsorgi.gov.in पर यह सर्टिफिकेट नजर आती है।   

रणघोष की अपील, सिस्टम अपनी कमी माने ओर सुधार करें

 जैसा की कि हम बता रहे हैं कि किस  तरह जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्रों में जालसाजी का खेल होता है और किस प्रकार इसका व्यापक स्तर पर  दुरुपयोग किया जा सकता है। जब दैनिक भास्कर ने संबंधित उत्तर प्रशासन के अधिकारियों से पूछा कि इसमें कितनी सच्चाई है तो अधिकारियों का  जवाब था कि ऐसा कोई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है ही नहीं । यहां सवाल उठता है कि फिर सर्टिफिकेट के बार कोड को स्केन करने पर वह सीधे आधिकारिक वेबसाइट पर कैसे पहुंच जाती है।  पिछली खबरों में हमने अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए हर जन्म- मृत्यु प्रमाण पत्र में उल्लेखित बार कोड को छिपा दिया था और रजिस्ट्रेशन नंबर को दिखाया था ताकि कोई इसका दुरुपयोग नहीं कर सके। केवल अधिकारी वर्ग को पता चल सके कि वे इसकी जांच कर सच्चाई तक पहुंच जाए। रणघोष अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए निष्पक्ष जांच कराने के लिए आज अपनी खबरों में ना केवल बार कोड को दे रहा है साथ में दस्तावेजों का सरकारी लिंक भी उपलब्ध करवा रहा है ताकि संबंधित अधिकारियों एवं पाठकों को सच्चाई जानने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो।

खबर के बाद सीएम के सर्टिफिकेट का लिंक हटाया, रणघोष के पास विडियो

इस बड़े खुलासे के बाद पिछले 12 घंटों के दरम्यान सीएम मनोहरलाल के सर्टिफिकेट से जुड़े लिंक को आधिकारिक वेबसाइट से हटा दिया गया है। रणघोष को इसका अंदेशा था इसलिए पहले ही उसकी विडियो बना ली गई ताकि जांच एजेंसी को मदद मिल सके।  इसे जरूर देखे। इस विडियो में बताया गया है कि कैसे फर्जी सर्टिफिकेट को सही बताकर यह खेल  किया जा रहा है।