राव इंद्रजीत के नाम को परमिट बनाकर उनके समर्थक काट रहे अवैध प्लाटिंग

– इस खेल में वैश्य समाज का एक पार्षद भी शामिल जिसने कोविड में राशन को लेकर भी किया था खेल


– गढ़ी बोलनी रोड स्थित कसौला चौक के पास खेतों को बदला जा रहा प्लाटों में


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

 केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की पहचान ईमानदार- बेदाग- बेबाक एवं जमीनी स्तर के मजबूत नेता के तौर पर रही है। यही वजह है कि उनके छोटे- बड़े आयोजनों पर उनके विरोधियों की बराबर नजर रहती है कि वे ऐसा क्या बोले जिस पर वे हमला कर अपनी राजनीति को जिंदा रख सके। हम जो मजबूत जानकारी के आधार पर बताने जा रहे हैं उसका व्यवहारिक सच सामने दिख रहा है। दरअसल राव इंद्रजीत सिंह के लिए विरोधी उतने खतरनाक व परेशान करने वाले नहीं है जितने उनके आस पास मंडराने वाले ज्यादा घातक साबित हो रहे हैं।

हाल ही में एक मामला सामने आ रहा है जो पिछले कुछ दिनों से नगर परिषद में प्रोपर्टी आईडी एवं अन्य कार्यों को लेकर मच रहे बवाल में छिपकर दब गया था। शहर के गढ़ी बोलनी रोड पर खुलेआम अवैध प्लाटिंग का खेल चल रहा है। काम नहीं रूके इसके लिए राव इंद्रजीत सिंह के नाम को परमिट की तरह इस्तेमाल कर उनके समर्थक खेतों को प्लाटों में बदल रहे हैं। इसमें वैश्य समाज से जुड़े एक पार्षद का नाम सबसे ज्यादा आगे आ रहा है जिसने कोविड-19 में जरूरतमंदों के नाम पर राशन का अच्छा खासा बिल बनाकर अच्छी खासी सुर्खियां बटोरी थी। इसमें कोई दो राय नहीं कि आधे से ज्यादा पार्षदों के शोर मचाने के पीछे उनका निजी एजेंडा छिपा रहता है।

14 अप्रैल की मीटिंग में राव ने जताई थी चिंता

14 अप्रैल को जिला प्रशासन  के साथ मीटिंग में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भी अवैध प्लाटिंग को लेकर मच रहे शोर पर चिंता जताई थी। मीटिंग में मौजूद राज्य के  कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारीलाल एवं कोसली विधायक लक्ष्मण यादव ने कहा कि डीटीपी 10 साल पुराने घरों को तोड़ रही है यह गलत है। इस पर राव ने डीटीपी की तरफ से मौजूद कर्मचारियों को सख्त हिदायत थी कि अवैध प्लाटिंग करते समय ही तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। घर बन जाने के बाद कार्रवाई करना किसी भी सूरत में ठीक नहीं है।

आंख मूंद कर समर्थकों की बातों पर भरोसा करना ठीक नहीं

ऐसे कई मामले सामने आए जिसमें राव इंद्रजीत सिंह को अपने समर्थकों की गलतियों एवं उनके निजी एजेंडों के चलते कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। नगर परिषद में प्रोपर्टी आईडी, विकास कार्यों में बंदरबांट समेत अनेक मामलों में पार्षदों का दो खेमों में बंट जाना और राव को मजबूरन सभी पार्षदों से अलग अलग मीटिंग करना यह बताता है कि वे किस हद तक स्थिति को संभालने में लगे हुए हैं। हालांकि उनकी बेटी आरती राव ने अब ऐसे समर्थकों की सूची बनानी शुरू कर दी है जो केवल अपने निजी मकसदों को पूरा करने के लिए राव इंद्रजीत की मौजूदगी में हाजिरी लगाने के अलावा कुछ नहीं करते।