रणघोष की सीधी सपाट बात

खबर क्या छपी भाजपाई एक दूसरे की खोल रहे पोल, ठेकेदारों को मिले काम का सरकारी पत्र वायरल किया


रणघोष खास. रेवाड़ी


कोसली से भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव ने पंचायत विभाग के दो कनिष्ठ अभियंताओं पवन कुमार व मोहित के खिलाफ सीएम मनोहरलाल को पत्र क्या लिखा की छिपा सच ही स्वत: सामने आ रहा है। रणघोष ने 15 अप्रैल को दो जेई के तबादले को लेकर जैसे ही समाचार जारी किया भाजपाईयों की तरफ से ही एक सरकारी पत्र जारी हुआ। जो डहीना खंड में पंचायत विभाग द्वारा डी प्लान के तहत गांवों में कराए जा रहे विकास कार्यों से संबंधित था। इस पत्र के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि 21 कार्यों में 90 प्रतिशत कार्य दो या तीन ही ठेकेदारों को दे दिए गए। पत्र के साइड में ठेकेदारों के नाम लिखे गए हैं उसमें भूपेंद्र, अनिल, सुरेंद्र, रविकांत शामिल है। सबसे ज्यादा काम के आगे भूपेंद्र व अनिल का नाम लिखा गया है। अब सवाल यह है कि इन ठेकेदारों को काम नियमानुसार ई टेंडरिंग के माध्यम से मिला है या अधिकारियों व नेताओं की आपसी समझ से चालाकी के रास्ते से। ये ठेकेदार किस नेता से संबंध रखते हैं इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। बस इशारा किया गया है।  बताया जा रहा है कि भाजपा में जिस नेता की चल रही है वह अपने चेहते ठेकेदारों को काम दिलवा रहा है। जाहिर है जो ठेकेदार नेताजी के आशीर्वाद से काम लेगा कमीशन का चढ़ावा भी बंटेगा। पत्र में जिन कार्यों का उल्लेख किया गया है वे सभी डी प्लान के तहत किए जाने  हैं।  इसमें ई टेंडरिंग के तहत ठेकेदारों को काम मिलता है। इससे पारदर्शिता की संभावना ज्यादा रहती है लेकिन ठेकेदार- अधिकारी एवं प्रभावशाली नेताओं की आपसी समझ के आगे सभी नियम कागजों में ही इतराते नजर आते हैं जमीन पर हकीकत कुछ ओर होती है।

भाजपाईयों में ही मची हुई है खुद को मजबूत करने की होड

कायदे से देखा जाए तो विकास कार्यो में भ्रष्टाचार को लेकर जितने भी मामले सामने आ रहे हैं उसमें भाजपाई प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर खुद ही आमने सामने नजर आ रहे हैं। नगर परिषद रेवाड़ी में अलग अलग तरह के उजागर हो रहे मामलों की बात हो या अपने चेहतो को काम दिलवाने की बात हो। भाजपाई एक दूसरे को ही कटघरे में खड़ा करते हुए नजर आ रहे हैं।

कांग्रेस के पास अब कहने को कुछ नहीं

ऐसा नहीं है कि कांग्रेस दूध की धुली है। जब वह सत्ता में थी उनके समर्थक भी ठेकेदारी के नाम पर खुलेआम खेल करते थे। आज भी खुद को कांग्रेसी कहने वाले ठेकेदारी के काम में भाजपाईयों के साथ लंच- डीनर साथ करते नजर आते हैं। पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा पर लगातार हमला कर रहे हैं लेकिन उनके कार्यकाल में भी भ्रष्टाचार का खुला खेल किसी से छिपा नहीं है।

राजनीति को सेवा मानना बंद कर दीजिए तस्वीर साफ हो जाएगी

कायदे से राजनीति को समाजसेवा कहना बंद कर देना चाहिए। यह आमजन को खुबूसरती से आसानी से दिए जाने वाला धोखा है। लाखों करोड़ों रुपए खर्च करके कोई छोटा- बड़ा नेता बनता है। उसका रूटीन का खर्चा बेहिसाब रहता है। ऐसे में खर्चें को मैनेज करने के लिए नेताओं को फाइनेंसर की जरूरत होती है। जाहिर है यह रिकवरी सरकारी विकास कार्यों में चलने वाली कमीशनखोरी से ही पूरी हो सकती है। इसलिए नेताओं का यह दावा करना कि उनकी सरकारों में पारदर्शिता रही है, भ्रष्टाचार खत्म किया है एक भद्दा मजाक के अलावा कुछ नहीं है।

Block Dahina work by contractor for sdo

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *