वॉशिंग पाउडर निरमा!

17 करोड़ की कंपनी क्यों हो गई मार्केट से आउट? बस एक गलती ने कर दिया तबाह


कहते हैं जज्‍बा और जज्‍बात एकसाथ मिल जाएं तो इंसान दुनिया जीत लेगा. यह कहावत शायद करसन भाई पटेल जैसे लोगों को देखकर ही कही गई होगी. आप इस नाम से भले ही न परिचित हों, लेकिन इनकी कामयाबी की गूंज आपको बचपन से ही सुनाई देती होगी. हम बात कर रहे हैं निरमा वॉशिंग पाउडर के फाउंडर की, जिन्‍होंने देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी को भी टक्‍कर दी और साइकिल से प्रोडक्‍ट बेचकर 17 हजार करोड़ का कारोबार फैलाया था. लेकिन, ऐसा क्‍या हुआ कि कंपनी की पहचान माना जाने वाला प्रोडक्‍ट अब लोगों के घरों से आउट हो रहा है. कभी 60 फीसदी डिटर्जेंट पाउडर पर कब्‍जा जमाने वाले प्रोडक्‍ट का विस्‍तार करीब 6 फीसदी रह गया है.

गुजरात से शुरू हुई कंपनी निरमा वॉशिंग पाउडर की नींव पूरी तरह जज्‍बा और जज्‍बात पर रखी गई. गुजरात के मेहसाणा जिले में एक किसान परिवार से ताल्‍लुक रखने वाले करसन भाई पटेल शुरू से ही कुछ करना चाहते थे. पढ़ाई पूरी कर उन्‍होंने अहमदाबाद में लैब टेक्निशियन की नौकरी की लेकिन जल्‍द ही उन्‍हें गुजरात सरकार के खनन एवं भूविज्ञान विभाग में सरकारी जॉब मिल गई. सरकारी नौकरी के बावजूद करसन भाई के मन में कुछ अलग करने का जज्‍बा था और तभी उनकी जिंदगी में भूचाल आया. उनकी बेटी निरुपमा अचानक एक हादसे में चल बसी. अचानक हुए इस हादसे ने उन्‍हें तोड़ दिया. वे चाहते थे कि उनकी बिटिया पूरी दुनिया में नाम कमाए, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं था. इसी जज्‍बात को उन्‍होंने जज्‍बा बना लिया और बिटिया के नाम से ही डिटर्जेंट प्रोडक्‍ट बनाना शुरू किया.

शुरू हुआ करसन भाई का कारनामा…
करसन भाई ने निरमा के नाम से प्रोडक्‍ट बनाना तो शुरू कर दिया, लेकिन बाजार में मौजूद HUL जैसी बड़ी कंपनियों से मुकाबला लेना कठिन था. इसके लिए उन्‍होंने नई-नई स्‍ट्रैटजी अपनाई. हर पैकेट पर लिखना शुरू किया-कपड़े साफ नहीं तो पैसा वापस. बस फिर क्‍या था लोगों ने खरीदना शुरू किया और क्‍वालिटी प्रोडक्‍ट ने भरोसा जगाना. देखते ही देखते उनके प्रोडक्‍ट की मांग बढ़ने लगी. कारोबार बढ़ता देख करसन भाई ने सरकारी नौकरी छोड़ दी पूरा ध्‍यान बाजार पर देने लगे.

अनोखी मार्केट स्‍ट्रैटजी का कमाल
करसन भाई शुरुआत से ही अपने प्रोडक्‍ट को लोगों तक पहुंचाने के लिए अजग-गजब आइडिया निकालते थे. उन्‍होंने अपनी फैक्‍ट्री में काम करने वाले कर्मियों से कहा कि उनकी पत्नियां दुकानों पर जाकर रोज निरमा वॉशिंग पाउडर मांगे. इससे दुकानदारों के पास इस प्रोडक्‍ट की मांग आने लगी और उसकी बिक्री बढ़ गई. खासकर मिडिल क्‍लास को टार्गेट करने वाला यह प्रोडक्‍ट अपने विज्ञापन के लिए भी जाना जाता है. सबकी पसंद निरमा…जैसे विज्ञापनों को घर-घर में पसंद किया जाने लगा. निरमा गर्ल ने भी इस प्रोडक्‍ट को काफी फेमस कराया. साल 2010 तक निरमा की मार्केट हिस्‍सेदारी करीब 60 फीसदी पहुंच गई थी.

फिर होने लगा गलती से मिस्‍टेक
2005 तक आते-आते निरमा एक ब्रांड कंपनी बन चुकी थी और शेयर बाजार में लिस्‍टेड भी हो गई. कंपनी ने वॉशिंग पाउडर फील्‍ड में प्रतिस्‍पर्धा बढ़ती देख अन्‍य क्षेत्रों में भी निवेश करना शुरू कर दिया. सीमेंट कंपनी बनाई, जो देश में 5वें नंबर पर है. निरमा यूनिवर्सिटी और केमिकल का कारोबार भी शुरू किया. इससे पारंपरिक प्रोडक्‍ट वॉशिंग पाउडर से ध्‍यान हटने लगा. प्रोडक्‍ट में इनोवेश न होने की वजह से वह मार्केट में आने वाले प्रोडक्‍ट का सामना नहीं कर सका.

विज्ञापन में भी हो गई गलती
खासकर महिलाओं को टार्गेट करके विज्ञापन दिखाने वाली कंपनी को क्‍या सूझा कि इनोवेशन के नाम पर महिला की जगह पुरुष से कपड़े धुलवाने शुरू कर दिए. मसलन, कभी हेमा मालिनी सहित बॉलीवुड की 4 दिग्‍गज अदाकाराओं को लेकर विज्ञापन कराने वाली निरमा ने इस बार ऋतिक रोशन को अपना ब्रांड अंबेसडर बनाया. इस चूक से उनका प्रोडक्‍ट महिलाओं से कनेक्‍ट नहीं हो पाया और बाजार से आउट होता गया. इसकी हिस्‍सेदारी 60 फीसदी से गिरकर करीब 6 फीसदी तक आ चुकी है. हालांकि, एक कंपनी के तौर पर निरमा आज भी मूल्‍यवान ब्रांड है. शुक्रवार के कंपनी के शेयरों के भाव 255.55 रुपये थे.