शरद पवार ने एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने का किया ऐलान

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar Resigns) ने मंगलवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं. पवार ने अपनी आत्मकथा, ‘लोक माझे संगाई – राजनीतिक आत्मकथा’ के विमोचन के दौरान कहा,  ‘मैं एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं.’

इस मौके पर अपनी पत्नी प्रतिभा के साथ मौजूद 82 वर्षीय पवार ने कहा, ‘मुझे पता है कि कब रुकना है… मैंने एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं की एक समिति गठित की है, जो अगले अध्यक्ष के बारे में फैसला करेगी.’ वहीं उनके इस ऐलान से सभागार में मौजूद एनसीपी के सारे नेता हैरान रह गए और उनसे इस्तीफा वापस लेने की मांग करने लगे. हालांकि शरद पवार इस्तीफे के फैसले पर अडिग रहे वहीं उनके भतीजे व पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले अजित पवार ने साफ किया शरद पवार अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे.

शरद पवार की कार के आगे बैठे NCP कार्यकर्ता
शरद पवार एनसीपी नेताओं की तमाम अनुरोधों को दरकिनार करते हुए अपने घर सिल्वर ओक के लिए निकल गए. खबर है कि एनसीपी के सारे वरिष्ठ वहीं जाएंगे, जहां शाम को सबकुछ तय होगा. हालांकि पवार जब वहां से निकले तो एनसीपी के कई कार्यकर्ता उनकी कार के आगे बैठ गए. हालांकि पुलिस ने जबरन सबको सड़क से हटाया, जिसके बाद सब उनका काफिला वहां से निकल सका.
एनसीपी नेता छगन भुजबल बोले- शरद पवार की उम्र का तर्क मंजूर नहीं
छगन भुजबल ने भी शरद पवार से इस्तीफा वापस लेने की मांग करते हुए कहा, ‘आप जो उम्र का तर्क दे रहे हैं यह हमें मंजूर नहीं है और इस उम्र में भी आप हमसे ज्यादा काम करते हैं. देश को यह फैसला मंजूर नहीं है और आप ने जो कमिटी की बात कही वो हमें मंजूर नहीं है. इस जितेंद्र आव्हाड भी भावुक हो गए और रोते हुए अपना फैसला वापस लेने की बात कही.

वहीं एनसीपी नेता नवाब मलिक के बेटी ने भी शरद पवार से इस्तीफा वापस लेने की मांग करते हुए कहा, ‘हमारे पिताजी की गैरमौजूदगी में आप ऐसा फैसला न लें… पिताजी की तरह हमारे साथ रहे.’

‘देश को पवार के राजनीतिक अनुभव की जरूरत’
शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने शरद पवार के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा, ‘एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने के शरद पवार के फैसले को सुनकर हैरान और स्तब्ध हूं. आशा है कि वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे. राजनीतिक मंथन के इस महत्वपूर्ण मोड़ पर राज्य और देश को उनके अनुभवी नेतृत्व की जरूरत है.’

अजित बोले- इस्तीफा वापस नहीं लेंगे शरद पवार
शरद पवार के इस ऐलान से वहां मौजूद एनसीपी के तमाम नेता और कार्यकर्ता बेहद भावुक नजर आए और उनसे इस्तीफा वापस लेने की मांग करने लगे. हालांकि शरद पवार ने उनसे कहा- हम सब मिलकर काम करें, लेकिन मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लीजिए.

अजित पवार ने एनसीपी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ‘सबसे विनती है कि बार-बार इस्तीफा वापस लेने के लिए आग्रह ना करें. पवार साहब ने खुद कुछ दिन पहले सत्ता परिवर्तन की जरूरत की बात कही थी. उनके इस फैसले को हमें उनकी उम्र और सेहत के लिहाज से भी देखना चाहिए. वह इसे वापस नहीं लेंगे.’

पार्टी अध्यक्ष चुनने के लिए नई कमेटी का गठन
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की बागडोर कौन संभालेगा और इसे आगे कौन बढ़ाएगा, यह तय करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी में प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, अजीत पवार, जयंत पाटिल और पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया है.

राज्यसभा सदस्य शरद पवार का अभी ऊपरी सदन में तीन वर्ष का कार्यकाल बाकी है. ऐसे में उन्होंने आश्वासन दिया कि वह पिछले 55 वर्षों की तरह सामाजिक-राजनीतिक माध्यम से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहेंगे.

पवार की घोषणा से फूट-फूटकर रोने लगे कई लोग
शरद पवार की यह घोषणा वहां मौजूद लोगों के लिए झटके से कम नहीं था. कई लोग उस दौरान फूट-फूटकर रोने लगे, तो वहीं उनके समर्थन में कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने पवार से अपना फैसला वापस लेने की अपील की. पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने मांग की कि देश को उनकी जरूरत और इसलिए वह अपना फैसला वापस ले लें. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक वह अपना फैसला वापस नहीं लेंगे, वे कार्यक्रम स्थल से बाहर नहीं जाएंगे.

शरद पवार ने वर्ष 1999 में कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की स्थापना की थी और तब से वह अध्यक्ष पद पर आसीन थे.

चार बार महाराष्ट्र के सीएम रहे शरद पवार
चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे शरद पवार केंद सरकार में रक्षा और कृषि मंत्री की भी जिम्मदारी संभाल चुके हैं. उन्होंने वर्ष 2019 के राज्य विधानसभा चुनाव के बाद एनसीपी, कांग्रेस और वैचारिक रूप से बिल्कुल विपरीत शिवसेना को एक साथ जोड़कर महाविकास अघडी (एमवीए) सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

शरद पवार ने वर्ष 1999 में कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) बनाई. सोनिया गांधी की प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी का विरोध करने के कारण कांग्रेस ने 1999 में तीन असंतुष्ट नेताओं को निष्कासित कर दिया था, जिनमें से एक शरद पवार थे.