सतर्कता : अब नहीं बिकेगी नकली कॉम्बिफ्लेम, कैलपोल और डोलो-650, आपके हाथ होगा डुप्‍लीकेसी रोकने का इंतजाम

दवाओं को बेहतर ढंग से ट्रैक और ट्रेस करने के लिए देश की टॉप 300 फार्मा ब्रांड्स पर क्यूआर कोड या बारकोड लगाना सरकार ने अनिवार्य कर दिया गया है. अब 1 अगस्त या इसके बाद बनने वाली दवाईयों के लिए यह अनिवार्य होगा. जिन दवाओं पर क्‍यूआर कोड अनिवार्य किया गया है, उनमें कैलपोल, डोलो, सेरिडॉन, कॉम्बिफ्लेम और एंटीबायोटिक्स एजिथ्रल, ऑगमेंटिन, सेफ्टम से लेकर एंटी-एलर्जी दवा एलेग्रा और थॉयराइड दवा थायरोनॉर्म भी शामिल हैं.

क्यूआर कोड जरूरत पड़ने पर बैच को सफलतापूर्वक वापस बुलाने जैसे ट्रैकिंग और ट्रेसिंग में मदद तो करेगा ही साथ ही इससे नकली दवाओं की पहचान करने में भी मदद मिलेगी. दवा इंडस्ट्री जानकारों का कहना है कि इस तरह के कदम से देश में घटिया या नकली दवाओं की बिक्री पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. दवाओं पर क्‍यूआर कोड लगाने का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन्स पिछले साल नवंबर में जारी किया गया था. इसमें कहा गया था कि अनुसूची H2 में आने वाली दवाईयों को अपने प्राइमरी पैकेजिंग लेबल पर या अपर्याप्त स्थान के मामले में सेकेंडरी पैकेज लेबल पर बार कोड या तुरंत रिस्पांस कोड प्रिंट करना या चिपकाना होगा.

क्या-क्या जानकारी होगी QR कोड में?
क्यूआर कोड के संग्रहित डेटा या जानकारी में किसी उत्पाद का पहचान कोड , दवा का सही और जेनरिक नाम, ब्रांड का नाम, निर्माता का नाम और पता, बैच नंबर, निर्माण की तारीख, समाप्ति की तारीख  और मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस नंबर शामिल होंगे.

सभी कंपनियों को लगाना होगा क्‍यूआर कोड
सभी घरेलू और विदेशी कंपनियां, जो इन 300 दवाओं का फॉर्मूलेशन ब्रांड्स बनाती हैं, उनके लिए अपनी दवा पर क्‍यूआर कोड लगाना अनिवार्य किया गया है. अगर कोई कंपनी चाहे तो वह खुद से किसी भी ब्रांड के लिए बार कोड या क्यूआर कोड लगा या प्रिंट कर सकती है.

NPPA ने की दवाओं की पहचान
मार्च 2022 में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने फार्मास्यूटिकल्स विभाग को उन 300 दवा ब्रांडों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए कहा था, जिन्हें अनिवार्य QR कोड के कार्यान्वयन के लिए शामिल किया जा सकता है. नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी  ने 300 दवाओं की सूची की पहचान की थी. NPPA ने डोलो, एलेग्रा, अस्थलिन, ऑगमेंटिन, सेरिडोन, लिमसी, कैलपोल, कोरेक्स, थायरोनॉर्म, अनवांटेड 72 जैसे लोकप्रिय ब्रांडों की पहचान की. इन अधिक बिकने वाले ब्रांडों को उनके मूविंग एनुअल टर्नओवर मूल्य के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया गया है.