सत्य कड़वा होता है, लेकिन सत्य जरूरी भी होता हैः पीएम मोदी

पीएम मोदी ने बुधवार को तमिलनाडु के थूथुकडी में 17,300 करोड़ रुपये के विकासात्मक प्रोजेक्टों की नींव रखी है। यहां पहुंचने पर पीएम मोदी ने राज्य की डीएमके सरकार और कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, सत्य कड़वा होता है, लेकिन सत्य जरूरी भी होता है। मैं यूपीए सरकार पर सीधा-सीधा आरोप लगा रहा हूं। जो प्रोजेक्ट्स मैं आज लेकर आया हूं, ये दशकों से यहां के लोगों की मांग थी। जो यहां सत्ता में हैं, वे लोग उस समय दिल्ली में सरकार चलाते थे, लेकिन उनको आपके विकास की परवाह नहीं थी। वे बातें तमिलनाडु की करते हैं, लेकिन तमिलनाडु की भलाई के लिए कदम उठाने की हिम्मत नहीं थी। आज मैं तमिलनाडु की धरती पर इस राज्य का भाग्य लिखने के लिए एक सेवक बनकर आया हूं। उन्होंने कहा कि, आज तमिलनाडु थूथुकुडी में प्रगति की नई इबारत लिख रहा है। कई परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास हो रहा है. ये परियोजनाएँ विकसित भारत के रोडमैप का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन घटनाक्रमों में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना भी देखी जा सकती है। ये परियोजनाएं शायद थूथुकुडी में होंगी, लेकिन ये पूरे भारत में कई स्थानों पर विकास को गति भी देंगी। पीएम मोदी ने कहा कि, आज, हम ‘विकसित भारत’ बनाने के मिशन पर हैं और हमें ध्यान रखना चाहिए कि इसमें ‘विकसित तमिलनाडु’ की बहुत बड़ी भूमिका है। आज वीओ चिदंबरनार पोर्ट के लिए आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल का शिलान्यास किया गया है। इस प्रोजेक्ट में 7,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।  उन्होंने कहा कि, मैं आज जो प्रोजेक्ट लेकर आया हूं, वो दशकों से यहां के लोगों की मांग थी।आज भारत की पहली हाइड्रोजन फ्यूल फेरी लॉन्च हो गई है। यह नौका जल्द ही काशी की गंगा नदी में भी संचालित होगी। ये एक प्रकार से तमिलनाडु के लोगों की ओर से काशी के लोगों को बहुत बड़ा उपहार है। उन्होंने कहा कि, रेलवे, राजमार्ग और जलमार्ग अलग-अलग विभाग लग सकते हैं, लेकिन इन सभी बुनियादी ढांचे के पहलुओं का एक ही उद्देश्य है, और वह है बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना, बेहतर सुविधाएं प्रदान करना और तमिलनाडु में उद्योगों के लिए बेहतर अवसर पैदा करना। तमिलनाडु में आधुनिक कनेक्टिविटी नई ऊंचाइयों पर है। पिछले 10 वर्षों में, तमिलनाडु में 1,300 किलोमीटर तक रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया है। साथ ही, इसी अवधि में 2,000 किमी रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है। रेल यात्रियों की सुविधा के लिए सैकड़ों फ्लाईओवर और अंडरपास विकसित किए गए हैं। साथ ही, रेलवे स्टेशनों पर सभी आधुनिक सुविधाओं का अस्तित्व भी सुनिश्चित किया गया है।