सिसोदिया के बाद केजरीवाल की बारी! पूछताछ के लिए सीबीआई का समन

रणघोष अपडेट. देशभर से 

सीबीआई अब अरविंद केजरीवाल तक पहुँच गई है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 16 अप्रैल को पूछताछ के लिए तलब किया है। यह वही आबकारी मामला है जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया को गिरफ़्तार किया गया है। वह फ़िलहाल जेल में हैं। तो क्या अब केजरीवाल को गिरफ़्तार करने की तैयारी है? आप नेता संजय सिंह का कहना है कि इस ‘साजिश’ से केजरीवाल की आवाज़ नहीं दबेगी। उन्होंने कहा, ‘जिस दिन केजरीवाल जी ने दिल्ली विधानसभा के पटल पर यह उजागर किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक व्यवसायी मित्र का काला धन वास्तव में उनका था, मैंने उनसे कहा था कि सलाखों के पीछे जाने वाले वह अगले शख्स होंगे।’नई शराब नीति लाने के मामले में सिसोदिया और अन्य पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पिछले साल सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। दिल्ली सरकार ने इसके बाद नई शराब नीति को वापस लिया। आप ने कहा था कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना के इस आदेश से करोड़ों रुपये के राजस्व के नुकसान का आरोप लगाया। यानी नई शराब नीति से दिल्ली सरकार के खजाने को फायदा हो रहा था लेकिन एलजी की जिद की वजह से पुरानी शराब नीति फिर से लागू करना पड़ी। सिसोदिया को ईडी ने मार्च में दिल्ली शराब नीति मामले में जेल से गिरफ्तार किया। इसी मामले में सीबीआई ने फ़रवरी के आख़िर में गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं।केजरीवाल की सरकार के उच्चतम स्तर की ठगी में शामिल होने का आरोप लगाते हुए सीबीआई ने दावा किया है कि पॉलिसी में एहसान के लिए करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया था और पिछले साल गोवा में आम आदमी पार्टी के चुनाव अभियान में लगाया गया था। आप ने इन आरोपों को ‘प्रतिशोध’ और केंद्र में सत्तासीन भाजपा द्वारा राजनीतिक बदले की कार्रवाई के तौर पर खारिज कर दिया है। दिल्ली आबकारी नीति को लेकर केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई को आप सरकार राजनीतिक फायदे के लिए कार्रवाई बताती रही है। जब इस मामले में चार्जशीट दायर की गई थी तब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चार्जशीट को “काल्पनिक कथा” क़रार दिया था। केजरीवाल ने कहा था कि केंद्र द्वारा प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा था, ‘ईडी ने इस सरकार के कार्यकाल में 5,000 चार्जशीट दायर की हैं। इन मामलों में कितनी सजा हुई है? … मामले फर्जी हैं, झूठे आरोप लगाए गए हैं।’

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