हरियाणा पुलिस के एक जवान की खुदकशी करने की इस कहानी को जरूर पढ़े

पत्नी की हरकतों से घृणा थी, अपनी दोनों बेटियों के लिए सबकुछ बर्दास्त करता हुआ एक दिन टूट गया..


 रणघोष खास. रेवाड़ी


हरियाणा पुलिस के 36 साल के जवान पंकज कुमार उर्फ जौनी की आत्महत्या की कहानी हर किसी को पढ़नी चाहिए ताकि यह हादसा सबक बनकर हर किसी के जेहन में उतर जाए। आमतौर पर पति- पत्नी के झगड़ों में पत्नी पीड़िता रहती है। इस केस में सबकुछ उल्टा है। कहने को पंकज इसी माह में 2 फरवरी की रात को अपने घर में फांसी लगाकर चला गया लेकिन उसका लिखा सुसाइड नोट यह बता रहा था कि वह शादी के बाद से ही अपने ससुरालवालों की प्रताड़ना  एवं पत्नी की हरकतों के चलते वह हर रोज मर रहा था। पुलिस ने मृतक के परिजनों शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत उसके ससुरालजनों पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

गांव माजरा श्योराज निवासी आर्मी से सुबेदार रिटायर निहाल सिंह के दो बेटे दो बेटियां थी। सभी सुशिक्षित। बड़ा बेटा राजकुमार एवं उनकी पत्नी शिक्षक है। पंकज कुमार सभी भाई बहनों में सबसे छोटा और संयुक्त परिवार में सबसे लाडला था। एमसीए करते समय ही 2007 में उसकी हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल पद पर नौकरी लग गई। 2010 में गांव रामपुरा स्थित मयुर विहार निवासी भजन सिंह की बेटी लक्ष्मी से उसका विवाह हो गया। पकंज मिलनसार एवं बेहद भावुक था। हरियाणा पुलिस में होते हुए भी उसका स्वभाव मासूम बच्चे की तरह रहा जैसा उसके सीनियर्स एवं परिवार के लोग बताते थे। शादी के कुछ दिन बाद से ही उसके ससुरालवालों एवं उसकी पत्नी का व्यवहार उसे परेशान करने लगा। सुसाइड नोट में लिखे शब्दों में छिप भावों को समझे तो पंकज अपने ससुरालवालों की हरकतों एवं पत्नी की तरफ से किसी ना किसी तरीके से किए जा रहे अलग अलग टार्चर की वजह से भीतर से टूटता जा रहा था साथ ही परिवार को किसी तरह से बचाने के लिए समझौते पर समझौते किए जा रहा था। कभी पत्नी के  कहने पर परिवार से अलग होकर रेवाड़ी रहने लगा तो कभी उसके कहने पर परिवार से रिश्ता तोडकर भी गृहस्थ जीवन को किसी तरह आगे बढ़ाता रहा। उस पर नजर रखी जाती थी कि वह चोरी छिपे अपनी मां या भाई से तो नहीं मिल रहा है। पता चलने पर उसके साथ झगड़ा शुरू हो जाता था जबकि उसका भाई और मां उसके परिवार को बसाने के लिए हर तरह का अपमान बर्दास्त करते रहे। जब भी पंकज का अपनी पत्नी के साथ झगड़ा होता तो परिवारजन उसे ही डांटते थे। एक बार तो उसके ससुरालवालों ने उसे डयूटी समय में ही जलील करने के लिए पटौदी स्थित उसके पुलिस थाना में हंगामा शुरू कर दिया था। पंकज के लिखे नोट के अनुसार वह इतना हताश हो चुका था कि वह अपनी पीड़ा किसे बताए। वह अपनी पत्नी की हरकतों की वजह से उससे जितनी घृणा करता था उतना ही जिंदगी में आ चुकी दो बेटियां हन्नी एवं मानसी के भविष्य को देखकर सबकुछ बर्दास्त करता था। नोट में यह भी कहा गया है कि अगर उसकी पत्नी की 15 दिनों की कॉल डिटेल निकलवा ली जाए तो सारा सच सामने आ जाएगा। अपने भाई के गम में पूरी तरह से टूट चुके राजकुमार के मुताबिक जब भी दोनो पत्नी-पति का झगड़ा होता था हम पंकज को ही डांटते थे। इससे उसे लगा कि किसे अपनी पीड़ा बताए। वह चारों तरफ से खुद को अलग थलग महसूस करने लगा। इसलिए खुद को मारने से पहले वह उस रात रोता हुआ खाना खा रहा था। उस समय उसकी पत्नी अपने मायके गई हुई थी। वह कह रहा था कि वह अपने ससुरालवालों की वजह से अंदर खोखला हो चुका है। 2015 में उसके पिता की बीमारी के चलते मृत्यु हो गई थी। वह उन्हें बहुत चाहता था। उसके पिता भी उसकी स्थिति देखकर दुखी रहते थे। उन्होंने एक बार कहा था कि अगर नहीं बनती है तो तलाक ले ले। बड़े भाई से डरकर अपनी मन की बात भी खुलकर नहीं कह पाता था। जब भी उसका पत्नी के साथ झगड़ा हुआ हमेशा बड़े भाई ने उसे ही डांटा ताकि किसी तरह यह परिवार टूटने से बच जाए। किसी को उम्मीद नहीं था कि पुलिस का यह जवान अंदर अपने आप से भी लड़ रहा था। उसके परिजनों की माने तो यह घटना सभी के लिए सबक है। अगर परिवार का कोई सदस्य किसी ना किसी वजह से परेशान या पीड़ित है। उसे यह सोचकर अनदेखा नहीं करें कि वह समझदार है। आपसी झगड़ों को तभी समझौते में लाए जब दोनों पक्ष को पूरी तरह से सुना जाए। एक तरफ सुनकर किसी एक की भावना को अनदेखा ना करें। पंकज की मौत पर पूरे गांव में रोष है। इसलिए गांव के मौजिज ग्रामीण एसपी एवं डीएसपी से मिलकर इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग कर चुके हैं ताकि समय पर दोषियों को सजा मिले ताकि भविष्य में कोई ओर पंकज इस तरह  का कदम उठाने के लिए मजबूर नहीं हो जाए। 

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