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हरियाणा: अब क्या करेगी खट्टर सरकार, 70 गांवों में बीजेपी-जेजेपी  नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध


किसान आंदोलन के समर्थन में हरियाणा के करीब 70 गांवों ने भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के मंत्रियों, विधायकों और भाजपा सांसदों का सामूहिक बहिष्कार कर दिया है। इन मंत्रियों और विधायकों का इन 70 गांवों में प्रवेश निषेध होगा। राज्य की जीटी रोड बेल्ट के अंबाला,कुरुक्षेत्र,करनाल,पानीपत और सोनीपत के अलावा जाटलैंड रोहतक,जींद,हिसार,भिवानी और सिरसा,फतेहाबाद व दादरी के गांवों में भाजपा-जजपा मंत्रियों और विधायकों के प्रवेश पर वहां के निवासियों ने रोक का एलान किया है। बहुत सी गांव पंचायतों के सरपंचों ने भी खुलकर किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए भाजपा जजपा गठबंधन सरकार के बहिष्कार की घोषणा की है।  अंबाला से बीकेयू के वरिष्ठ नेता हरकेश सिंह के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट से भी किसानों को राहत नहीं मिल पाई है। भाजपा और जजपा की सरकार भी किसानों के पक्ष में नहीं है इसलिए ऐसी सरकार को सामूहिक बहिष्कार करने का फैसला किया है। इस बीच जींद सर्वखाप ने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और सांसद ब्रिजेंद्र सिंह के बहिष्कार का एलान किया हे। कृषि मंत्री जेपी दलाल के निर्वाचन क्षेत्र लोहारु की एक खाप पंचायत ने आठ गांवों में दलाल के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। कुरुक्षेत्र में बीकेयू(चढूनी)ने खेल मंत्री और पिहोवा से विधायक संदीप सिंह का यहां के गांवों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। भाजपा व जजपा नेताओं का गांवों मंे ऐसे मौके पर बहिष्कार गठबंधन सरकार के लिए बड़ा झटका है जब राज्य में पंचायत चुनाव सिर पर हैं। जनवरी में होने वाले पंचायत चुनाव सरकारर द्वारा अब अगले दो महीने तक टाले जाने की चर्चा है। गांवों में इन नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध से भाजपा के आगामी किसान महापंचायत कार्यक्रम भी खटाई में पड़ गए हैं। करनाल  कैमला में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की किसान महापंचायत मंे किसानों द्वारा किए गए बवाल से सरकार भी डरी हुई है। उपद्रव के आरोप में कैमला के 900 से अधिक किसानों पर पुलिस द्वारा मामले दर्ज किए जाने से भी गांवों की जनता में भारी राेष है।

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