रणघोष अपडेट. देशभर से
13 विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की ऑनलाइन ट्रोलिंग के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का अनुरोध किया है। उन्होंने चिट्ठी में आरोप लगाया है कि ऐसी ट्रोलिंग एक तरह से न्याय के रास्ते में हस्तक्षेप है। उनकी यह ट्रोलिंग तब की जा रही है जब हाल में सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कई मुद्दों पर सुनवाई के दौरान तीखी टिप्पणियाँ की हैं। ऐसे मुद्दों में से एक महाराष्ट्र में शिवसेना का मामला है जिसमें उद्धव ठाकरे बनाम शिंदे गुट आमने-सामने है।राष्ट्रपति को पत्र कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने लिखा है और पार्टी के सांसद दिग्विजय सिंह, शक्तिसिंह गोहिल, प्रमोद तिवारी, अमी याग्निक, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा, शिवसेना (यूबीटी) सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी और समाजवादी पार्टी के सदस्य जया बच्चन और राम गोपाल यादव ने चिट्ठी का समर्थन किया है।हालाँकि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। पूर्व सीजेआई एन वी रमना ने 26 नवंबर, 2021 को संविधान दिवस पर मीडिया, ख़ासकर, सोशल मीडिया में न्यायपालिका पर ‘बढ़ते’ हमलों पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि ये हमले प्रायोजित और लक्षित मालूम पड़ते हैं, और केंद्रीय एजेंसियों को इनसे प्रभावी ढंग से निपटना चाहिए। केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा था कि सीजेआई रमना ने उन्हें पत्र लिखकर न्यायाधीशों की सोशल मीडिया आलोचना पर अंकुश लगाने के लिए कानून बनाने का अनुरोध किया था। हालांकि, रिजिजू ने कहा था कि कानून के जरिए न्यायाधीशों की आलोचना को रोकना संभव नहीं है।बहरहाल, ताज़ा मामले में विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति को ख़त लिखकर कार्रवाई का अनुरोध किया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार चिट्ठी में कहा गया है, ‘हम सभी जानते हैं कि भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ सरकार गठन और महाराष्ट्र में राज्यपाल की भूमिका के मामले में एक महत्वपूर्ण संवैधानिक मुद्दे पर सुनवाई कर रही है। जबकि मामला न्यायालय के विचाराधीन है, महाराष्ट्र में सत्ताधारी पार्टी से सहानुभूति रखने वाली ट्रोल सेना ने भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ एक आपत्तिजनक अभियान शुरू किया है।’ 16 मार्च को लिखे पत्र में कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल किए गए शब्द और उसकी सामग्री गंदी और निंदनीय है। पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की शक्ति परीक्षण की वैधता से संबंधित एक मामले की सुनवाई के बाद ऑनलाइन ट्रोल्स ने सीजेआई और न्यायपालिका पर हमला किया। कोश्यारी के शक्ति परीक्षण के फ़ैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई थी। बाद में एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई।
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